शराब घोटाले मामले में कोर्ट में पेश हुए अरविंद केजरीवाल, मिली जमानत

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले मामले में शनिवार को कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मामले से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है. अरविंद केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि ईडी की तरफ़ से हमें पूरे दस्तावेज नहीं दिए ग‌ए हैं. कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत के लिए 15 हजार के मुचलके पर बेल बोंड भरने के लिए कहा.

लगातार 8 समन के बाद भी ईडी के सामने पेश नहीं होने पर ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट का रुख किया था. जहां उन्हें झटका लगा था. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल के व्यक्तिगत पेशी से बचने की याचिका को खारिज कर दिया है और आज ACMM की कोर्ट में पेश होने को कहा था.

ईडी ने शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवार को अबतक 8 समन भेज चुकी है. वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं.  ‘आप’ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह के बाद इस मामले में के. कविता की यह तीसरी गिरफ्तारी है.  ईडी का आरोप है कि के कविता दिल्ली शराब घोटाला केस जुड़ी हुई हैं. इसको लेकर ईडी ने कई बार के कविता के खिलाफ कार्रवाई भी थी. आज आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.

दिल्ली में लाई गई नई शराब नीति में धांधली के आरोप लगे थे. मामला 8 जुलाई 2022 को सामने आया था.दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एलजी विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पांच पन्नों की रिपोर्ट भेजी थी. इसी रिपोर्ट में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 बनाने के दौरान बरती गईं अनियमितताओं को उजागर किया गया था. रिपोर्ट मिलने के बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले की विजिलेंस से जांच कराने का आदेश दिया. साथ ही इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई.

रिपोर्ट में कहा गया था कि शराब की दुकानों पर ग्राहकों को भारी छूट दी जा रही है, जिसके कारण बाजार में दामों भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. साथ ही लाइसेंसधारी विज्ञापन भी जारी करके शराब की दुकानों का प्रचार कर रहे हैं. रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसौदिया की ओर से स्पष्ट रूप से शराब नीति में बदलाव की बात कही गई है.

इसमें बताया गया था कि दिसंबर 2015 में दिल्ली में शराब की तस्करी को रोकने, पड़ोसी राज्य यूपी और हरियाणा के बराबर ड्राई डे की संख्या को 23 से घटाकर 3 करने के प्रस्ताव को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया गया. हालांकि जनवरी 2021 में उन्होंने मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बिना उसी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.

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