दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में जबर्दस्त गर्मी आ गई है। इस बार चुनावी माहौल में यमुना के पानी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। दरअसल, केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था, जिस पर चुनाव आयोग ने उन्हें सवालों की झड़ी लगा दी। साथ ही आयोग ने 31 जनवरी तक इस आरोप के समर्थन में ठोस सबूत देने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस पर केजरीवाल का पलटवार भी तेज और तीखा था। उन्होंने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राजनीति कर रहे हैं और अगर उन्हें राजनीति करनी है तो वे दिल्ली के चुनाव में कूद जाएं।
चुनाव आयोग का केजरीवाल को नोटिस
आयोग ने केजरीवाल से 29 जनवरी को एक पत्र के जरिए पूछा था कि उनके द्वारा यमुना के पानी में जहर मिलने का जो दावा किया गया है, उसके लिए क्या ठोस सबूत हैं। चुनाव आयोग ने सवाल किया कि यमुना के पानी में किस स्थान पर जहर पाया गया और अगर ऐसा है तो वह सबूत पेश करें। आयोग ने उन्हें 31 जनवरी तक इसका जवाब देने के लिए कहा और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो कार्रवाई की जा सकती है।
आयोग का कहना था कि केजरीवाल का यह बयान न केवल गलत है, बल्कि इससे राज्यों के बीच तनाव और नफरत बढ़ सकती है। दरअसल, भाजपा ने आयोग से शिकायत की थी कि केजरीवाल के आरोप बेबुनियाद हैं और इनसे समाज में असमंजस और अस्थिरता फैल सकती है।
केजरीवाल का तीखा जवाब
चुनाव आयोग के नोटिस पर केजरीवाल ने भी ताबड़तोड़ जवाब दिया। उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि “अगर राजीव कुमार को राजनीति करनी है तो वे दिल्ली की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।” केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और आयोग की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाई है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में खुलेआम पैसे और चादरें बांटी जा रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा, “राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। उन्हें राजनीति करनी है तो वो दिल्ली से चुनाव लड़ें, हमें कोई दिक्कत नहीं है।”
यमुना के पानी को लेकर केजरीवाल का बयान
बात 27 जनवरी की है, जब केजरीवाल ने यमुना के पानी को लेकर हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि भाजपा शासित हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना के पानी को जहरीला बना दिया है, जिसे दिल्ली में पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उनका कहना था कि इस पानी से दिल्लीवासियों की सेहत को खतरा हो सकता है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
केजरीवाल का कहना था कि यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है, जो खतरनाक हो सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान का मकसद लोगों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना था। उनका यह आरोप उस समय सामने आया जब दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे।
चुनाव आयोग का आरोपों पर रुख
चुनाव आयोग ने केजरीवाल के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें 28 जनवरी तक सबूत पेश करने को कहा। आयोग ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे गंभीर आरोपों के साथ केजरीवाल को ठोस सबूत देने चाहिए ताकि इस मुद्दे पर किसी तरह का भ्रम ना फैले। आयोग ने यह भी कहा कि चुनावी माहौल में इस तरह के बयान से स्थिति और जटिल हो सकती है, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
पीएम मोदी का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जनवरी को दिल्ली में एक रैली के दौरान इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह वही पानी है जिसे दिल्ली के सारे जज, जस्टिस, और सम्मानित सदस्य पीते हैं। क्या किसी को लगता है कि हरियाणा ने मोदी को जहर देने के लिए पानी में जहर डाला होगा?” मोदी ने यह बयान केजरीवाल के आरोपों के खिलाफ दिया, जो कि हरियाणा सरकार पर सीधे हमला था।
पीएम मोदी का कहना था कि हरियाणा का पानी पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे प्रधानमंत्री तक पीते हैं। इस बयान के बाद केजरीवाल ने पलटवार किया और कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यमुना का पानी पीकर दिखाया, लेकिन वह असल में पानी पीने के बजाय उसे थूक गए थे।
हरियाणा CM ने भी लिया पानी का आचमन
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने वीडियो जारी किया जिसमें वे यमुना नदी से पानी पीते हुए नजर आ रहे थे। वीडियो के साथ सैनी ने दावा किया कि उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के यमुना का पवित्र पानी पिया। हालांकि, केजरीवाल ने इस वीडियो पर तंज कसते हुए कहा कि सैनी ने पानी नहीं पिया, बल्कि उसे थूक दिया।
केजरीवाल का चुनाव आयोग को जवाब
चुनाव आयोग को भेजे गए अपने 14 पेज के जवाब में केजरीवाल ने यमुना के पानी की गुणवत्ता पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनके बयान का उद्देश्य सिर्फ दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी देना था। उनका आरोप था कि हरियाणा से आने वाला पानी इंसानी सेहत के लिए खतरनाक है और इसमें अमोनिया का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है।
दिल्ली चुनाव में सियासी माहौल और तनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही सियासी माहौल और गरमाया है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। इस बीच केजरीवाल और भाजपा दोनों पक्षों के बीच बयानबाजी जारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जहां भाजपा सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं, वहीं भाजपा नेताओं ने केजरीवाल के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
चुनाव आयोग भी इस पूरे विवाद में सक्रिय है और अपनी भूमिका निभा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयानबाजी का दिल्ली विधानसभा चुनावों पर क्या असर पड़ता है।