दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं और सभी पार्टियां अपनी जीत की रणनीति में जुटी हुई हैं। इसी बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जाट समाज को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दिल्ली के जाटों के साथ धोखा किया है और उनका समाज केंद्र की OBC लिस्ट में शामिल नहीं किया गया, जबकि राजस्थान के जाटों को आरक्षण दिया गया है।
जाट समाज को लेकर बीजेपी पर आरोप
अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में जाट समाज को OBC लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जबकि राजस्थान में यह वर्ग लाभ उठा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने दिल्ली के जाट समाज को लंबे समय से सिर्फ वादों का धोखा दिया है। केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली पुलिस में राजस्थान के जाटों को आरक्षण मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाटों को आरक्षण नहीं मिलता। दिल्ली सरकार के कॉलेजों में जाटों को आरक्षण मिलता है, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी और केंद्र की नौकरियों में उन्हें आरक्षण नहीं मिलता।”
केजरीवाल का हमला- वादों का नहीं हुआ पालन
केजरीवाल ने बीजेपी नेताओं के द्वारा जाट समाज को दिए गए वादों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जाट समाज को आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन वे वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने जाट समाज के नेताओं को बुलाकर आश्वासन दिया था कि उन्हें केंद्र की OBC लिस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन वह वादा आज तक अधूरा है। इसके बाद, 2017 में गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान जाट समाज से समर्थन की उम्मीद में आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ।
2015 से लगातार वादे और धोखा
अरविंद केजरीवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने 2017 में जाट समाज से वादा किया था कि उन्हें आरक्षण मिलेगा, लेकिन वह भी नहीं दिया गया। 10 सालों में चार बार जाट नेताओं को बुलाकर आश्वासन दिया गया, लेकिन जाट समाज को कोई लाभ नहीं मिला। अब चुनावी मौसम में जाटों को याद किया जाता है, ये सब चुनावी साजिश का हिस्सा है।”
प्रधानमंत्री को चिट्ठी, जाटों का हक दिलाने की अपील
केजरीवाल ने अपनी इस सियासी लड़ाई को और तेज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी में केजरीवाल ने कहा, “आपने दिल्ली के जाट समाज को धोखा दिया है। केंद्र की OBC लिस्ट में जाट समाज को शामिल किया जाए, जैसा राजस्थान में किया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के जाट समाज के बच्चों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उन्हें OBC लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
राजस्थान और दिल्ली के बीच भेदभाव
केजरीवाल ने यह भी कहा कि राजस्थान के जाटों को जहां डीयू में आरक्षण मिलता है, वहीं दिल्ली के जाटों को यह हक नहीं दिया जाता। उन्होंने सवाल उठाया, “राजस्थान में जाट समाज को आरक्षण क्यों मिल रहा है, जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं हो रहा?” केजरीवाल के मुताबिक, केंद्र सरकार की इस नीति से दिल्ली के जाट समाज के हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक, केजरीवाल की रणनीति
दिल्ली में विधानसभा चुनाव अब बेहद करीब आ चुके हैं। 5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को रिजल्ट आएंगे। इस समय केजरीवाल का यह बयान दिल्ली के जाट समाज को आकर्षित करने के लिए एक सशक्त कदम हो सकता है। आम आदमी पार्टी ने पहले ही दिल्ली की 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस और बीजेपी अभी भी अपनी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दे रहे हैं।
क्या बीजेपी को मिलेगा जाट समाज का समर्थन?
केजरीवाल ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार जाट समाज के साथ न्याय नहीं करती, तो यह समाज बीजेपी से नाराज हो सकता है। दिल्ली के जाट समाज के वोटों को साधने के लिए केजरीवाल ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। अब यह देखना होगा कि बीजेपी इस आरोप का जवाब कैसे देती है और जाट समाज का समर्थन कौन सी पार्टी हासिल करती है।