दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात पुलिस की तैनाती को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक गंभीर सवाल उठाया है। केजरीवाल ने पूछा कि दिल्ली चुनाव के लिए गुजरात से पुलिस बल की कंपनियां क्यों भेजी जा रही हैं, जबकि चुनाव आयोग ने इससे पहले पंजाब पुलिस को हटाने का आदेश दिया था। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और केजरीवाल के सवालों से बीजेपी पर निशाना साधा गया है। तो आइए, जानते हैं कि क्या है पूरी कहानी और केजरीवाल ने किस तरीके से इस मुद्दे को उठाया है।
गुजरात पुलिस की तैनाती पर सवाल
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के आदेश के तहत गुजरात राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की आठ कंपनियों की दिल्ली तैनाती को लेकर सवाल उठाए। केजरीवाल ने लिखा कि गुजरात से पुलिस क्यों भेजी गई है? और क्यों चुनाव आयोग ने दिल्ली से पंजाब पुलिस को हटाकर गुजरात पुलिस को तैनात कर दिया? इसके साथ ही केजरीवाल ने एक परिपत्र भी साझा किया, जिसमें यह बताया गया था कि एसआरपीएफ की कंपनियां 13 जनवरी को दिल्ली पहुंच चुकी हैं। केजरीवाल ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोला है।
केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली चुनाव में राज्य पुलिस का इस तरह से इस्तेमाल शुद्ध राजनीति है। उनका आरोप है कि पंजाब पुलिस की तैनाती को हटाकर गुजरात पुलिस को भेजने के पीछे राजनीतिक मंशा छिपी हो सकती है। केजरीवाल ने इसे चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप की कोशिश बताया और सवाल किया कि क्या सुरक्षा के नाम पर राजनीति की जा रही है?
पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटाए जाने पर राजनीति का आरोप
केजरीवाल के आरोपों के बीच यह घटना भी सामने आई है कि पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटाने के बाद ही यह सवाल और विवाद उठे। दरअसल, पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने पुष्टि की थी कि दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग के निर्देश के बाद केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के जवानों को वापस बुला लिया गया। पंजाब पुलिस की तैनाती को लेकर बीजेपी और कांग्रेस लगातार सवाल उठा रहे थे। उनका कहना था कि आखिर क्यों पंजाब पुलिस के जवान दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे, जबकि यह दिल्ली पुलिस का काम था।
इस फैसले के बाद दिल्ली पुलिस को आपत्ति भी उठानी पड़ी थी, और अंत में पंजाब पुलिस को हटाने का कदम उठाया गया। इस पूरे विवाद में केजरीवाल ने इसे ‘शुद्ध राजनीति’ करार दिया। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा और संरक्षा जैसे मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, और यह पूरी प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान होने हैं और वोटों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी। इस चुनाव में कुल 70 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। दिल्ली में चुनावी प्रचार-प्रसार भी जोर-शोर से चल रहा है। केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेता पूरे राज्य में प्रचार कर रहे हैं, जबकि बीजेपी और कांग्रेस भी अपनी पूरी ताकत से मैदान में हैं। इस बीच, सुरक्षा को लेकर उठे सवाल चुनावी माहौल को और भी गर्म कर रहे हैं।
बीजेपी और कांग्रेस का आरोप
बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने केजरीवाल की सुरक्षा में पंजाब पुलिस की तैनाती को लेकर सवाल उठाए थे। इन पार्टियों का कहना था कि केजरीवाल के साथ पंजाब पुलिस क्यों तैनात है, जबकि दिल्ली में इसकी जरूरत नहीं थी। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल को पंजाब पुलिस के जरिए एक प्रकार का राजनीतिक सुरक्षा कवच दिया जा रहा था। इन आरोपों के बाद ही चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस ने कदम उठाया और पंजाब पुलिस की तैनाती हटा दी।
आखिर क्यों उठे ये सवाल?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के चलते सुरक्षा एक अहम मुद्दा बन गया है। केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस को हटाए जाने के बाद गुजरात पुलिस की तैनाती पर उठे सवालों ने एक नया मोड़ लिया है। चुनावी हलचल के बीच इस मुद्दे पर बहस और भी तेज हो गई है, और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।