बहराइच में हाल ही में हुए एनकाउंटर को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला किया है। ओवैसी ने कहा कि इस तरह के एनकाउंटर संविधान की धज्जियां उड़ाने के समान हैं। उन्होंने योगी की ‘ठोक दो’ नीति को गंभीरता से लिया और कहा कि इस नीति के चलते कोई भी किसी को गोली मार सकता है।
एनकाउंटर को ओलंपिक में भेजने की बात
ओवैसी ने यह भी कहा कि एनकाउंटर करने वालों को ओलंपिक में भेजना चाहिए, ताकि भारत को गोल्ड मेडल दिला सकें। उनका कहना था कि बहराइच में हुई हिंसा को मजाक बना दिया गया है और पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। ओवैसी ने कहा, “यह सब ऐसे चल रहा है जैसे नेटफ्लिक्स पर कोई फिल्म चल रही हो।”
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
ओवैसी ने आरोप लगाया कि यदि पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होते, तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा दिलाने की कोशिश की जाती। उन्होंने कहा कि हालात इस हद तक बिगड़ चुके हैं कि जिन पर गोलियां चलाई जा रही हैं, उनसे कोई सवाल नहीं किया जाता। वहीं, जिनके पैर में गोली लगी है, वे खुद को निर्दोष बताकर कह रहे हैं कि वे गलती कर चुके हैं।
ओवैसी ने बहराइच में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां दुकानें और शो रूम जला दिए गए थे, लेकिन पुलिस ने अब तक कितनों को गिरफ्तार किया है, यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने यह भी कहा कि राम गोपाल की हत्या के मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
ओवैसी का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उनकी टिप्पणी ने एक बार फिर एनकाउंटर राजनीति और संविधान के तहत मिल रहे अधिकारों के संरक्षण पर बहस को जन्म दिया है।