अहमदाबाद: जेल में कैद आसाराम के न्यास की 16 संपत्तियों पर ध्वस्त होने की कार्रवाई का खतरा मंडरा है, क्योंकि गुजरात के राजस्व विभाग ने कहा है कि वे गैर कृषि उपयोग के लिए भूमि को परिवर्तित किए बिना ही बनाए गए थे.
इस महीने के शुरू में जारी राजस्व विभाग के आदेश के बाद अहमदाबाद नगर निगम ने उसे ‘प्रभाव शुल्क’ देकर इन संपत्तियों को नियमित करने के लिए न्यास को दी गई सशर्त सहमति को आज निरस्त कर दिया और इनकों तोड़ने पर फैसला जल्द किया जाएगा. एएमसी के अधिकारियों ने कहा कि वह 12 रिहायशी और चार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की किस्मत का फैसला जल्द करेंगे. इन का निर्माण आसाराम के न्यास ने कराया था.
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गौरतलब है कि जोधपुर की एक अदालत ने कथावाचक आसाराम को नाबालिग से रेप के मामले में दोषी करार दिया था. भूत प्रेत का साया ‘ठीक’ करने के बहाने 16 साल की बच्ची का 2013 में जोधपुर आश्रम में रेप करने वाले आसाराम को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. 4 करोड़ अनुयायी, 400 आश्रमों और 10 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति बनाने वाले बाबा अर्श से फर्श पर पहुंच चुके हैं.
आसाराम ने 1972 में अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर मुटेरा कस्बे में साबरमती नदी के किनारे अपनी पहली कुटिया बनाई. आसाराम का आध्यात्मिक सफर यहीं से शुरू हुआ. ये सफर धीरे-धीरे गुजरात के अन्य शहरों से होकर देशभर में फैल गया. गुजरात के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से होते हुए आसाराम ने शहरी इलाकों में भी अपनी प्रभाव जमा लिया.
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एक जानकारी के अनुसार आसाराम के दुनिया भर में चार करोड़ से अधिक अनुयायी हैं. देश-विदेश में 400 आश्रम हैं. आसाराम के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति है, जिसकी जांच चल रही है. आसाराम के भक्तों में देश के कई बड़े राजनेता शामिल थे.