संभल में एएसआई ने किया 5 तीर्थों और 19 कूपों का निरीक्षण, इस वजह से सर्वे को रखा गया था सीक्रेट

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम ने प्राचीन शिव मंदिर और कूपों का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण एक सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। यह निरीक्षण 46 साल बाद खोले गए एक प्राचीन मंदिर के संदर्भ में हुआ था, जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां पाई गईं थीं। टीम ने संभल के विभिन्न हिस्सों में स्थित 5 तीर्थ और 19 कूपों का निरीक्षण किया, ताकि प्राचीन धरोहरों की स्थिति और संरचना का मूल्यांकन किया जा सके।
इंसपेक्शन के दौरान की गई गुप्तता और सुरक्षा इंतजाम
मंदिर और कूपों का निरीक्षण पूरी तरह से गुप्त रखा गया था, जिसे प्रशासन ने मीडिया से दूर रखा। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया था, खासकर पिछले महीने शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए। 24 नवंबर को हुए उस सर्वेक्षण में चार लोगों की जानें चली गई थीं, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया। सुबह 6 बजे से शुरू हुआ यह निरीक्षण पूरी तरह से शांतिपूर्वक और सुरक्षा के तहत संपन्न हुआ।
किस-किस स्थान पर हुआ निरीक्षण
ASI की टीम ने संभल के कुल 22 स्थानों पर निरीक्षण किया, जिनमें 5 तीर्थ स्थल और 19 कूप शामिल थे। इन स्थलों में प्राचीन धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कूप और तीर्थ स्थल थे। सूची में कुछ प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:
  1. चतुर्मुख ब्रहम कूप – स्थित ग्राम आलम सराय
  2. अमृत कूप – दुर्गा कालोनी
  3. अशोक कूप – मोहल्ला हल्लू सराय
  4. सप्तसागर कूप – सरथल चौकी के पास
  5. बलि कूप – पुरानी तहसील के पास
  6. धर्म कूप – हयातनगर
  7. ऋषिकेश कूप – शिव मंदिर, मोहल्ला कोट पूर्वी
  8. भद्रका आश्रम तीर्थ – होज भदेसरा
  9. स्वर्गदीप तीर्थ – ग्राम जलालपुर
इसके अलावा, प्राचीन कूपों और तीर्थ स्थलों के आसपास भी निरीक्षण किया गया, जिनमें कई धार्मिक स्थल और कूप शामिल थे। इन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के उपायों पर भी चर्चा की गई।
46 साल बाद खुला प्राचीन मंदिर
संभल में 46 साल बाद एक प्राचीन शिव मंदिर को खोला गया, जिसके अंदर भगवान शिव, नंदी, हनुमान और कार्तिकेय की मूर्तियां पाई गईं। मंदिर की खोज के दौरान वहां एक कुएं की खुदाई के दौरान कई खंडित मूर्तियां भी मिली थीं। मंदिर के दरवाजे खोले जाने के बाद देखा गया कि अंदर धूल जमा हो गई थी, जिसे पुलिसकर्मियों ने खुद हाथों से साफ किया। इस मंदिर को खोलने के बाद वहां पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
एएसआई सर्वे का उद्देश्य और भविष्य की योजना
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का मुख्य उद्देश्य इन प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करना है। इस निरीक्षण से ASI को इन स्थलों की संरचनाओं की स्थिति का आकलन करने का अवसर मिला है। निरीक्षण के बाद, विशेषज्ञों द्वारा इन स्थानों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कई कदम उठाए जाएंगे, ताकि इनका महत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए बरकरार रहे। इसके अलावा, भविष्य में इन धार्मिक स्थलों और कूपों का वैज्ञानिक और ऐतिहासिक मूल्यांकन भी किया जाएगा।
संभल में ऐतिहासिक महत्व के स्थल
संभल का क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां कई प्राचीन धार्मिक स्थल, तीर्थ और कूप स्थित हैं। इस क्षेत्र में स्थित प्राचीन मंदिर और कूपों का इतिहास हजारों साल पुराना है। एएसआई द्वारा किए गए इस निरीक्षण से इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
आखिरकार, इस प्रकार के निरीक्षण से न केवल स्थानीय संस्कृति और धरोहर को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि इसके माध्यम से देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को भी संरक्षित किया जा रहा है।

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