अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो गाड़ी से यात्रा करते हैं और टोल प्लाजा पर FASTag का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने FASTag से जुड़े नए नियमों का ऐलान किया है, जो 17 फरवरी 2025 से लागू होंगे। इन नियमों का मकसद टोल कलेक्शन प्रक्रिया को और भी पारदर्शी, सुव्यवस्थित और डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है। लेकिन अगर आप इन नियमों को नजरअंदाज करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
क्या है FASTag और कैसे काम करता है?
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है, जिसे आपकी गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाया जाता है। यह RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर काम करता है। जब आप टोल प्लाजा पर पहुंचते हैं, तो यह टैग स्वचालित रूप से टोल टैक्स काट लेता है और आपको बिना रुके आगे बढ़ने की सुविधा देता है। भारत में FASTag को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि नकद लेनदेन की जरूरत कम हो और ट्रैफिक सुचारु रूप से चले।
नए नियमों में क्या बदलाव हुए हैं?
NPCI के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी वाहन का FASTag ब्लैकलिस्टेड है और वह टोल प्लाजा पर पहुंचता है, तो उससे दोगुना टोल शुल्क वसूला जाएगा। यानी अगर आपका FASTag ब्लैकलिस्ट है, तो आपको सामान्य से ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं।
इसके अलावा, अगर आपका FASTag टोल प्लाजा पर पहुंचने से 60 मिनट पहले ही ब्लैकलिस्ट हो चुका है, तो भुगतान अस्वीकार कर दिया जाएगा। वहीं, अगर टोल प्लाजा पर FASTag रीड होने के 10 मिनट बाद भी आपका FASTag ब्लैकलिस्ट होता है, तो भी टोल शुल्क नहीं कटेगा। हालांकि, इस दौरान आपको अपना FASTag अपडेट करने का मौका मिलेगा।
यूजर्स पर क्या होगा असर?
इसे आसान शब्दों में समझें तो मान लीजिए कि आपका FASTag ब्लैकलिस्ट है और आप टोल प्लाजा पर पहुंचते हैं। अगर आप तुरंत रिचार्ज भी कर लें, तो भी टोल प्लाजा पर भुगतान नहीं होगा और आपसे दोगुना टोल वसूला जाएगा। यानी अगर आप समय पर अपने FASTag को रिचार्ज नहीं करते हैं, तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नए नियमों का मकसद क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ये नए नियम टोल प्रक्रिया को और भी सुव्यवस्थित बनाएंगे। इससे टोल प्लाजा पर होने वाले विवादों में कमी आएगी और यूजर्स को अपने FASTag अकाउंट को मैनेज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। एक कानूनी विशेषज्ञ ने बताया कि “यह नई प्रणाली ट्रांजेक्शन फेल होने की घटनाओं को कम करेगी और यूजर्स का टोल अनुभव बेहतर बनाएगी।”
कैसे चेक करें अपने FASTag का ब्लैकलिस्ट स्टेटस?
अगर आप ये जानना चाहते हैं कि आपका FASTag ब्लैकलिस्ट है या नहीं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
स्टेप 1: सबसे पहले परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
स्टेप 2: वहां पर “चेक ई-चालान स्टेटस” का ऑप्शन चुनें।
स्टेप 3: इसके बाद अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालें।
इस प्रक्रिया के बाद आपको पता चल जाएगा कि आपका FASTag ब्लैकलिस्ट है या नहीं।
कैसे बचें दोगुने टोल और ब्लैकलिस्टिंग से?
- नियमित रूप से FASTag रिचार्ज करें: अपने FASTag अकाउंट में हमेशा पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें।
- ब्लैकलिस्ट स्टेटस चेक करें: समय-समय पर अपने FASTag का ब्लैकलिस्ट स्टेटस चेक करते रहें।
- अलर्ट सेट करें: कई बैंक और FASTag प्रोवाइडर्स लो बैलेंस अलर्ट की सुविधा देते हैं। इसका इस्तेमाल करें।
- टोल प्लाजा पर ध्यान दें: अगर आपका FASTag ब्लैकलिस्ट है, तो टोल प्लाजा पर जाने से पहले उसे अपडेट कर लें।
क्या होगा अगर नियमों का पालन नहीं किया?
अगर आप नए नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको दोगुना टोल शुल्क चुकाना पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर आपका FASTag बार-बार ब्लैकलिस्ट होता है, तो आपको और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा क्या है?
इन नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे टोल प्लाजा पर होने वाले ट्रैफिक जाम और विवादों में कमी आएगी। साथ ही, यूजर्स को अपने FASTag अकाउंट को मैनेज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे ट्रांजेक्शन फेल होने की घटनाएं कम होंगी।
क्या है NPCI का संदेश?
NPCI ने सभी FASTag यूजर्स से अपील की है कि वे समय-समय पर अपने FASTag अकाउंट को चेक करते रहें और उसे रिचार्ज करके एक्टिव रखें। इससे न सिर्फ आप दोगुने टोल शुल्क से बचेंगे, बल्कि टोल प्लाजा पर होने वाली परेशानियों से भी बच सकेंगे।