यूपी एटीएस ने अलीगढ़ में अवैध रूप से रह रहे दो रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। इनके नाम मोहम्मद रफीक और मोहम्मद आमीन है। इन दोनों रोहिंग्या की गिरफ्तारी अलीगढ़ के ुपराने शहर के मकदूम नगर से की गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह दोनों सोना तस्करी के कारोबार में लिप्त थे। बांग्लादेश से सोना लाकर भारत में बेचते थे। एटीएस सोना तस्करी के बाकी एंगिल की भी छानबीन कर रही है।
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों पिछले नौ साल से अवैध रूप से जाली दस्तावेजों के सहारे यहां रह रहे थे और मीट फैक्टरी में नौकरी कर रहे थे। दोनों के पास से कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही हैं। इनके पास से सोने के छह बिस्किट मिले हैं। आईजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि दोनों को ही अदालत में पेश किया गया है। दोनों को जल्द ही रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी।
वहीं एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रही है। इसी क्रम में अलीगढ़ से उक्त गिरफ्तारियां की गई हैं। इनके पास से सोने के बिस्किट के अलावा यूएनएचआरसी से जारी कार्ड, मोबाइल और 770 रुपये नगद बरामद किए हैं।
गिरफ्तार किए गए रोहिंग्या ने पूछताछ में स्वीकारा कि वे बिना पासपोर्ट या बिना वर्क परमिट के वर्ष 2012 में भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद एजेंटों की मदद से कोलकाता के रास्ते भारत आए थे। अलीगढ़ में उन्हें ठिकाना मिल गया और मीट फैक्टरी में नौकरी भी मिल गई। तब से वे यहीं रह रहे थे। एटीएस ने दोनों को लखनऊ ले जाकर एटीएस थाने में मुकदमे के आधार पर बृहस्पतिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया है।
अभी उनसे पूछताछ होनी है, जिसमें सोना तस्करी के अलावा और किन अपराधों में यह संलिप्त थे, सीमा पार कराने और फर्जी प्रपत्र बनवाने में किन-किन लोगों ने मदद की और इनका ठिकाना कहां हैं। अलीगढ़ यह लोग किसकी मदद से पहुंचे थे और उनके और कौन कौन सहयोगी हैं। एटीएस रिमांड पर लेकर इन दोनों से उक्त सवालों के जवाब तलाशेगी।