पार्टी की रणनीति
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एआईएमआईएम विदर्भ क्षेत्र में 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। पार्टी का ध्यान उन सीटों पर होगा जहां मुस्लिम और दलित वोटर्स की संख्या अधिक है। इनमें नागपुर, अमरावती, बुलढाणा, यवतमाल, वाशिम, चंद्रपुर, वर्धा और गोदिंया शामिल हैं।
मुस्लिम लीडरशिप पर जोर
एआईएमआईएम के विदर्भ यूनिट के अध्यक्ष शाहीद रंगूनवाला ने कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देती है, तो वे अपने फैसले का पुनरावलोकन करेंगे। उनका लक्ष्य मुस्लिम लीडरशिप को आगे बढ़ाना है, और वे कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) से विधानसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने की मांग कर रहे हैं।
पिछली सफलता
पिछले विधानसभा चुनाव में, एआईएमआईएम ने 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए थे, जिनमें से दो उम्मीदवार जीतने में सफल रहे। धुले सिटी सीट से शाह फारूक अनवर और मालेगांव सेंट्रल से मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक ने चुनाव में जीत हासिल की। शाह फारूक को इस सीट पर 46,679 वोट मिले थे, जबकि मोहम्मद इस्माइल को 1,17,242 वोट मिले थे।
पार्टी की योजनाएँ
2019 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने कई महत्वपूर्ण सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इनमें औरंगाबाद, नागपुर, बुलढाणा, जालना, पुणे, सोलापुर जैसी प्रमुख सीटें शामिल थीं। अब देखना यह है कि नासेर सिद्दीकी और एआईएमआईएम विदर्भ में अपनी रणनीति को कैसे आगे बढ़ाते हैं।