भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में उड़ान भरने का सपना फिलहाल थोड़ा और इंतजार करवाएगा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए Axiom-4 मिशन, जिसमें शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री शामिल थे, को टाल दिया गया है। वजह? स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) का रिसाव, जिसे ठीक करने के लिए इंजीनियरों ने और वक्त मांगा है।
रॉकेट में खराबी, लॉन्चिंग टली
स्पेसएक्स ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए बताया, “हम बुधवार को होने वाली फाल्कन-9 की लॉन्चिंग से पीछे हट रहे हैं, क्योंकि स्टेटिक फायर टेस्ट के बाद बूस्टर में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव पकड़ा गया है।” कंपनी ने कहा कि इस रिसाव को ठीक करने के लिए उनकी टीमें काम कर रही हैं, और जैसे ही ये काम पूरा होगा, रेंज की उपलब्धता के आधार पर नई लॉन्चिंग डेट का ऐलान किया जाएगा।
41 साल बाद भारत की अंतरिक्ष वापसी
लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बनने वाले थे। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्ष यान से पृथ्वी की परिक्रमा की थी। इस मिशन में शुभांशु को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान में 14 दिन की यात्रा पर ISS जाना था।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की और फिर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ट्रेनिंग ली। 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए शुभांशु के पास सुखोई-30, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर-228 जैसे विमानों को उड़ाने का 2000 घंटे से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M.Tech भी किया है।
गगनयान मिशन का हिस्सा
शुभांशु को 2019 में ISRO ने गगनयान मिशन के लिए चुना था, जिसमें उनके साथ अंगद प्रताप, प्रशांत बालकृष्णन नायर और अजीत कृष्णन भी शामिल हैं। गगनयान मिशन 2027 में लॉन्च होने की उम्मीद है। Axiom-4 मिशन भारत के लिए इसलिए भी खास था, क्योंकि ये 41 साल बाद देश की मानव अंतरिक्ष यात्रा में वापसी का प्रतीक था।