दशकों पुराने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद में सुप्रिमकोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि जल्द ही हर हाल में सुनवाई पूरी करनी होगी। बतादें, अयोध्या मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो सकती है और जल्द ही इस मामले में कोई बड़ा फैसला आ सकता है। हिंदू पक्ष की सुनवाई के बाद अब मुस्लिम पक्ष की जिरह भी पूरी होने वाली है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया कि सभी पक्ष समय सीमा में अपनी दलीलें पूरी कर लें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें फैसला लिखने में चार हफ्ते लगेंगे सीजेआई ने दोनों पक्षों को स्पष्ट किया है कि जो भी करना है इसी समय सीमा में करना होगा। मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इसके संकेत दिए।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों से पूछा कि वो कितने-कितने दिन में अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे। संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर एक बार सभी पक्ष ये बता देते है कि वो कितना समय लेंगे तो हमें भी पता चल जाएगा कि फैसला लिखने के लिए कितना समय मिलेगा
कानून के जानकारों का मानना है कि दोनों पक्षों को ये न लगे कि सुनवाई के लिए समय बढ़ाया जा सकता है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को एक बार फिर से अपनी बात दोहरानी पड़ी है। सीजेआई ने दोनों पक्षों को स्पष्ट किया है कि जो भी करना है इसी समय सीमा में करना होगा।
बता दें कि चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले 18 सितंबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 31 अक्तूबर तक इस हर हाल में सुनवाई पूरी कर लेनी होगी। मालूम हो कि शीर्ष अदालत में अब तक 31 दिनों की सुनवाई हो चुकी है। हिंदू पक्षकारों ने अपनी दलीलें रख दी हैं, जबकि मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें जारी हैं।