अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने के बाद से यह शहर देश-विदेश के पर्यटकों और भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, मंदिर बनने के बाद अयोध्या में भक्तों और पर्यटकों की संख्या में 25 गुना से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। यह आंकड़ा सिर्फ एक साल में ही कई गुना बढ़ गया है।
60 लाख से 16 करोड़ पहुंची भक्तों की संख्या
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण से पहले अयोध्या में सालाना करीब 60 लाख पर्यटक आते थे। लेकिन मंदिर बनने के बाद यह संख्या बढ़कर 16 करोड़ से ज्यादा हो गई है। यानी, अयोध्या अब देश के सबसे बड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक बन चुका है। हर रोज लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुंच रहे हैं और भगवान राम के दर्शन कर रहे हैं।
पर्यटन क्षेत्र में हो रहा है बड़ा विकास
राम मंदिर के निर्माण ने न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि अयोध्या के इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन सुविधाओं में भी काफी सुधार हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की मिलीजुली कोशिशों से अयोध्या को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां होटल, रिसॉर्ट, यातायात सुविधाएं और अन्य बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है।
देशभर में चल रही हैं पर्यटन परियोजनाएं
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने यह भी बताया कि सरकार की तरफ से देशभर में कई पर्यटन परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से कुछ पूरी भी हो चुकी हैं, जबकि कुछ अभी प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 47 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी अनुमानित लागत 1594.40 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं का मकसद देश के पर्यटन क्षेत्र को और मजबूत बनाना है।
रणभूमि दर्शन पहल: ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन स्थल में बदलने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने संसद में एक और दिलचस्प जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से “रणभूमि दर्शन” पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत देश के ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों और सीमावर्ती इलाकों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका मकसद नागरिकों को उन जगहों के बारे में जानकारी देना है, जहां हमारे वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
77 शौर्य गंतव्य स्थलों की जानकारी
रणभूमि दर्शन पहल के तहत 77 शौर्य गंतव्य स्थलों को चिन्हित किया गया है। इनमें जम्मू-कश्मीर के 11 स्थल, लद्दाख के 14 स्थल, सिक्किम के 7 स्थल और अरुणाचल प्रदेश के 21 स्थल शामिल हैं। इन जगहों पर पर्यटकों को ऐतिहासिक युद्धों और वीरता की कहानियों से रूबरू कराया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रमुख स्थल
जम्मू-कश्मीर में गुरेज सेक्टर, बारामूला और उरी जैसे स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं, लद्दाख में गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, डेमचोक और पदुम घाटी जैसे स्थलों को पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। ये सभी जगहें न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं, बल्कि यहां के ऐतिहासिक महत्व को भी समझाया जाएगा।
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के ऐतिहासिक स्थल
अरुणाचल प्रदेश में बोमडिला, तवांग और कामेंग क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं, सिक्किम में डोकलाम जैसे स्थलों को भी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इन जगहों पर जाने वाले पर्यटकों को न सिर्फ प्राकृतिक नजारों का आनंद मिलेगा, बल्कि वे देश के इतिहास और वीरता की गाथाओं से भी रूबरू होंगे।
यूपी सरकार की कोशिशें
उत्तर प्रदेश सरकार भी अयोध्या को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। यहां के पर्यटन स्थलों को और आकर्षक बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का मकसद है कि अयोध्या न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पहचान बनाए।