राम मंदिर के दर्शन के लिए अब श्रद्धालुओं को और भी बेहतर सुविधा मिलेगी, क्योंकि अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में दर्शन की व्यवस्था को लेकर कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। राम मंदिर निर्माण समिति ने इस पर बैठक की, जिसमें एंट्री और एग्जिट रूट्स को बेहतर बनाने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है। समिति की बैठक की अध्यक्षता नृपेंद्र मिश्र ने की। इस बैठक में मंदिर के निर्माण कार्य की समीक्षा के साथ-साथ कुछ नए प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गई।
एंट्री-एग्जिट प्लान में होगा बदलाव
राम मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए एंट्री और एग्जिट के रास्तों को फिर से डिज़ाइन किया जा रहा है। नए प्लान के मुताबिक, मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब परेशानी नहीं होगी। नए रास्तों से भीड़ को अच्छे से कंट्रोल किया जा सकेगा। नृपेंद्र मिश्र ने बैठक के बाद बताया कि एंट्री और एग्जिट के नए प्लान के अलावा, मंदिर परिसर में जूते-चप्पल रखने की भी खास व्यवस्था की जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को बाहर जाते समय अपने जूते-चप्पल रखने में आसानी होगी और वे बिना किसी समस्या के दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने का निर्णय
राम मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है, खासकर महाकुंभ के दौरान। इसे ध्यान में रखते हुए निर्माण समिति ने दर्शन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का फैसला लिया है। अब राम जन्मभूमि के दर्शन के लिए एक और प्रवेश द्वार और निकासी द्वार का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्तों को बिना किसी परेशानी के दर्शन का अनुभव होगा। इसके अलावा, समिति के प्रमुख सदस्य आज परिसर का निरीक्षण करने के लिए भी तैयार हैं ताकि किसी भी तरह की समस्या का समाधान किया जा सके।
निर्माण कार्य में होगी देरी
राम मंदिर का निर्माण कार्य पहले 25 दिन के लिए रुका हुआ था। ऐसे में पहले जो योजना थी कि मार्च तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, वह अब जून तक पूरा होने की उम्मीद है। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर का निर्माण जून तक पूरा कर लिया जाएगा और परकोटा का काम सितंबर तक जारी रहेगा। यह काम धीरे-धीरे पूरा किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन का अनुभव सुगम और आरामदायक हो।
शिवलिंग की स्थापना मार्च में
राम मंदिर परिसर में बन रहे सात मंदिरों में से एक मंदिर शिवजी के लिए है, और यहां शिवलिंग की स्थापना मार्च महीने तक कर दी जाएगी। यह एक अहम कदम है, क्योंकि शिवलिंग की स्थापना से मंदिर में और भी धार्मिक महत्व जुड़ जाएगा। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि शिवलिंग की स्थापना मार्च तक पूरी कर दी जाएगी। इसके साथ ही, मंदिर के दूसरे महत्वपूर्ण हिस्से भी समय पर पूरे होंगे ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
राम दरबार की मूर्ति का निरीक्षण 26 फरवरी को
राम मंदिर के निर्माण में एक और अहम हिस्सा राम दरबार की मूर्ति है। यह मूर्ति अयोध्या के राम जन्मभूमि में स्थापित की जाएगी। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और 26 फरवरी को जयपुर में वासुदेव कामद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय इसका अंतिम मुआयना करेंगे। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो राम दरबार की मूर्ति को मार्च तक अयोध्या भेजने की कोशिश की जाएगी और उसे मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
राम मंदिर का निर्माण तय समय से थोड़ा विलंब
राम मंदिर के निर्माण का काम थोड़ा विलंब होने के बावजूद, मंदिर के निर्माण में कोई बड़ी रुकावट नहीं आएगी। निर्माण समिति ने आश्वासन दिया है कि मंदिर का काम जून तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद परकोटा का काम सितंबर तक पूरा किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए यह एक बड़ी राहत की बात है क्योंकि इसके बाद उन्हें बिना किसी परेशानी के मंदिर में दर्शन करने का मौका मिलेगा।
मंदिर परिसर में सुविधाओं का होगा विस्तार
राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ परिसर में कई और सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। इन सुविधाओं में खासतौर पर पार्किंग और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा आराम मिल सके। निर्माण समिति का कहना है कि यह बदलाव मंदिर के दर्शन अनुभव को और भी बेहतरीन बनाएंगे और श्रद्धालुओं को कोई भी असुविधा नहीं होगी।