इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान देने को किसी का मौलिक अधिकार न मानते हुए योगी सरकार के मस्जिद तथा अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के फैसले को मंजूरी देकर इस पर मुहर लगा दी है ।
इसे मौलिक अधिकार न मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नूरी मस्ज़िद , बदायूं की लाउडस्पीकर लगाकर अजान करने वाली मांग की अनुमति को निरस्त कर ख़ारिज कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने याचिका इरफान की याचिकांपर दिया है। बदायूं के एसडीएम ने भी इसे न लगाने के अनेकों कारण कोर्ट के सामने रखें हैं । इरफान ने याचिका में कहा था कि एसडीएम बिसौली का यह आदेश मेरे मूल अधिकार एवं कानूनी अधिकारों का जमाना करता है जो कि पूर्णत अवैध है । यही कारण रहा की एसडीएम बिसौली का तीन दिसंबर २०२१ का लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने के आदेश को रद्द किया जाए। इरफान ने २० अगस्त २०२१ को यह अर्जी दी थी , जिसे एडीएम ने निरस्त कर दिया और बाद में हाई कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया।