नई दिल्ली – दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब हर दिन नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी (AAP) को लेकर समर्थन का तंत्र मजबूत होता जा रहा है। हाल ही में असम के मुस्लिम नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी दिल्ली के सेक्युलर वोटरों से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी AAP के पक्ष में वोट देने की अपील की है। उनके इस बयान ने दिल्ली चुनावों के राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
मौलाना अजमल का वीडियो संदेश – ‘मुल्क के हालात बहुत खराब’
AIUDF के प्रमुख और असम की मुस्लिम राजनीति के अहम चेहरे बदरुद्दीन अजमल ने एक वीडियो संदेश जारी कर दिल्ली के वोटरों से अपील की। अजमल ने कहा, “मुल्क के हालात बहुत खराब हैं। देश में जो माहौल है, वह बहुत नाजुक है। ऐसे में हम सेक्युलर वोटरों को बटने नहीं दे सकते। मैं आपसे अपील करता हूं कि आप आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को एक तरफा वोट दें।”
अजमल का यह बयान उनके राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए दिल्ली चुनावों में अहम बन गया है। उनकी यह अपील AAP के लिए एक और तगड़ा समर्थन साबित हो सकती है, खासकर दिल्ली में मुस्लिम बहुल इलाकों में।
INDIA ब्लॉक का AAP के पक्ष में समर्थन – क्या कांग्रेस को होगा नुकसान?
अजमल का यह बयान एक ऐसे समय में आया है, जब INDIA ब्लॉक (संप्रग का गठबंधन) में शामिल कई प्रमुख नेता पहले ही आम आदमी पार्टी के समर्थन में आ चुके हैं। सपा के प्रमुख अखिलेश यादव, TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और NCP जैसे दलों के नेताओं ने भी AAP के पक्ष में अपनी बात रखी है। वहीं, कांग्रेस दिल्ली में अपनी साख को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब अजमल का यह समर्थन कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।
दिल्ली में कांग्रेस की नजर मुस्लिम बहुल इलाकों पर है, लेकिन अजमल का AAP को समर्थन देने से कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खासकर जब AAP को मुसलमानों के वोटों का भारी समर्थन मिल रहा हो, तो कांग्रेस के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना और भी कठिन हो सकता है।
AAP के पक्ष में प्रचार – अखिलेश यादव, इकरा हसन और शत्रुघ्न सिन्हा का समर्थन
दिल्ली चुनाव में AAP को समर्थन देने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपनी पार्टी के साथ दिल्ली आकर प्रचार कर रहे हैं। उनके साथ सपा की लोकप्रिय सांसद इकरा हसन भी AAP के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने दिल्ली आ रही हैं। वहीं, TMC के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी यह ऐलान किया है कि वह 31 जनवरी से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में क्या बदलाव आ सकते हैं?
दिल्ली चुनावों में AAP का प्रचार और भी जोर पकड़ रहा है। अरविंद केजरीवाल की छवि एक ऐसे नेता की बनी है, जो दिल्ली के लोगों के मुद्दों के लिए काम करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने दिल्ली की शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली-पानी के मुद्दों पर कई अहम सुधार किए हैं, और यही बातें उनकी पार्टी के लिए वोटों का आधार बन रही हैं। हालांकि, इस बार AAP का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस दोनों से है, लेकिन सेक्युलर वोटरों के समर्थन से उनकी स्थिति मजबूत हो सकती है।
कांग्रेस की स्थिति – क्या AAP की बढ़त को रोका जा सकेगा?
कांग्रेस दिल्ली में अपनी साख को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वह मुस्लिम बहुल सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है, लेकिन AAP के बढ़ते समर्थन को देखते हुए कांग्रेस के लिए यह चुनौती और भी कठिन होती जा रही है। कांग्रेस को यह समझ में आ गया है कि अगर उसे दिल्ली में कुछ भी हासिल करना है, तो उसे मुस्लिम वोटों के साथ-साथ अन्य वर्गों को भी अपनी तरफ खींचना होगा।