भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता नूपुर शर्मा एक बार फिर से बयानबाजी के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई एक ब्राह्मण सभा में बहराइच हिंसा का जिक्र करते हुए एक ऐसा दावा किया, जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ। नूपुर शर्मा ने मंच से कहा कि बहराइच में राम गोपाल मिश्रा को 35 गोलियां मारी गईं, उनके नाखून उखाड़ दिए गए, पेट फाड़ दिया गया और आंखें तक निकाल ली गईं।
इस बयान के दौरान नूपुर शर्मा के साथ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्रा भी मौजूद थे। उनका यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी।
बहराइच पुलिस का खंडन
बहराइच पुलिस ने नूपुर शर्मा के दावे का खंडन करते हुए कहा कि ऐसी अफवाहें पूरी तरह से गलत हैं। पुलिस ने स्पष्ट रूप से बताया कि राम गोपाल मिश्रा के साथ किसी प्रकार की क्रूरता नहीं की गई। उन्हें केवल गोली लगी थी और नाखून पर चोट आई थी। बहराइच पुलिस ने ऐसे दावों को फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
नूपुर शर्मा ने मांगी माफी
जब सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के बयान को लेकर बवाल मचा, तो उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिवंगत राम गोपाल मिश्रा के बारे में मैंने जो कुछ सुना, वह मैंने दोहराया। मुझे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के स्पष्टीकरण के बारे में नहीं पता था। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं और माफी मांगती हूं।”
नूपुर शर्मा का यह बयान उनके लिए एक बार फिर से परेशानी का सबब बन गया है। उनके बयान को लेकर बहराइच पुलिस द्वारा पहले ही जारी किए गए स्पष्ट बयान के बावजूद उन्होंने इस तरह का दावा किया, जो कि विवाद का कारण बना।
पुलिस की चेतावनी
बहराइच पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की झूठी जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी को सचेत रहने की अपील की है।
इस घटनाक्रम से नूपुर शर्मा की राजनीतिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि उनकी बयानबाजी अक्सर विवादों में घिरी रही है। अब देखना यह है कि क्या वे इस बार इस विवाद से उबर पाएंगी या फिर उन्हें और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।