बलिया गोलीकांड: विधायक सुरेंद्र सिंह के बयान से BJP अध्यक्ष नाराज, बोले- जांच से दूर रहो

लखनऊ: बलिया गोलीकांड (Ballia Firing) में आरोपी धीरेंद्र सिंह के पक्ष के बयान देना बीजेपी विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह को महंगा पड़ता दिख रहा है। बीजेपी विधायक के बयान से पार्टी हाईकमान नाराज है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने सोमवार की सुबह यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) से इस मुद्दे पर फोन पर बात की। नड्डा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बलिया गोलीकांड की पूरी जांच से विधायक सुरेंद्र सिंह (MLA Surendra Singh) दूर रहने को कहें।

पार्टी ने भेजा नोटिस

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि जेपी नड्डा ने यूपी अध्यक्ष से कहा है कि अगर विधायक सुरेंद्र सिंह ने जांच में किसी भी तरह का दखल दिया तो पार्टी सख्त कार्रवाई कर सकती है। पार्टी अलाकमान की नाराजगी के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने सुरेंद्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

विधायक बोले- मुझे फंसाया गया

सुरेंद्र सिंह को रविवार के दिन ही लखनऊ तलब किया गया था। जहां विधायक ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें इस मामले में झूठे तरीके से फंसाया जा रहा है। मैं खुद चाहता हूं मामले की निपष्क्ष जांच हो। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा पार्टी को नुकसान की कभी नहीं रही। इसपर स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता को अपनी बात पार्टी में कहने का हक है। भारतीय जनता पार्टी संस्कार और सिद्धांतों वाली पार्टी है। अगर जिम्मेदार कार्यकर्ता या जनप्रतिनिधि मीडिया के सामने बयानों से विवाद उत्पन्न करता है तो जनता भी उसे गंभीरता से नहीं लेती और विपक्ष को बेवजह मुद्दा मिल जाता है। उन्होंने बीजेपी विधायक से मुलाकात के दौरान पार्टी और अपनी छवि न बिगड़ने देने पर जोर दिया।

आरोपी का बचाव कर रहे थे बीजेपी विधायक

गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) का नजदीकी है। घटना के बाद से ही विधायक लगातार आरोपी के बचाव में बयान दे रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने रोते हुए कहा था कि इंसाफ की लड़ाई में हम अकेले हैं। विधायक ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के अधिकारी हम लोगों की बात का भरोसा नहीं कर रहे हैं। जिस तरह पहले पक्ष की प्राथमिकी दर्ज की गई, वैसे ही दूसरे पक्ष की भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। प्रशासन ने अगर ऐसा नहीं किया तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा, सत्याग्रह करूंगा और जीवन का अंत कर दूंगा।

क्या है पूरा मामला

दरअसल 15 अक्टूबर को बलिया के दुर्जनपुर गांव में कोटा आवंटन को लेकर पंचायत लगी हुई थी। पंचायत के दौरान दो पक्षों कहासुनी हो गई और धीरेंद्र सिंह के पक्ष की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें जय प्रकाश पाल की मौत हो गई। घटना के बाद से आरोपी धीरेंद्र फरार था, जिसे रविवार को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।

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