बलिया: बलिया गोलीकांड (Ballia Firing) के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह (Dhirendra Pratap Singh) को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायुक हिरासत में भेज दिया है। सोमवार को कोर्ट (District Court) में पेशी के दौरान पुलिस ने आरोपी की रिमांड नहीं मांगी। जिसके बाद उसे बलिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इधर, धीरेंद्र के परिवार ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
पेशी से पहले हुई कोविड जांच
घटना के बाद से फरार चल रहे धीरेंद्र को यूपी STF ने रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेशी से पहले धीरेंद्र प्रताप की जिला अस्पताल में मेडिकल जांच। इसके बाद उसकी कोविड जांच भी कराई गई, जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
धीरेंद्र प्रताप सिंह की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर छावनी में बदल गई थी। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जिला प्रशासन चौकन्ना दिखा। कोर्ट में पेशी के दौरान 11 इंस्पेक्टर, 60 दीवान तैनात किए गए।
जब्त होगी आरोपियों की संपत्ति
गोलीकांड के सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सभी की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। मामले में फरार चल रहे आरोपियों पर इनाम की राशि बढ़ाकर 75-75 हजार रुपए की जा चुकी है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल 15 अक्टूबर को बलिया के दुर्जनपुर गांव में कोटा आवंटन को लेकर बैठक हो रही थी। बैठक में एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स भी मौजूद थी। इसी दौरान दो पक्षों कहासुनी हो गई और धीरेंद्र सिंह के पक्ष की ओर से फायरिंग की गई।जिससे दूसरे पक्ष के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल (46) निवासी दुर्जनपुर घायल हो गए। बताया जा रहा है कि जयप्रकाश को चार गोली लगी थी और उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से आरोपी धीरेंद्र फरार था