यूपी में दो IAS के एक पत्र ने कैसे मचाया बवाल, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में इस वक्त एक पत्र को लेकर बवाल मचा हुआ है और ये सब हुआ है दो IAS के एक पुराने पत्र को लेकर जो कि 2017 के बाद अब सामने आया है. दरअसल, प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार पर महिला कल्याण विभाग के तत्कालीन निदेशक व बागपत के मौजूदा डीएम भवानी सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें एक संस्था को नियम विरुद्ध करोड़ों का भुगतान करने, दलालों को संरक्षण देने, तत्कालीन सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने के लिए आनन-फानन में रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड बंटवाने और एक एनजीओ को करोड़ों की बेशकीमती जमीन का आवंटन कराने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. वहीं पत्र सामने आने के बाद फिलहाल IAS अधिकारी ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

जानिए क्या है पूरा मामला

अब जरा ये समझिए कि आखिर ये पूरा मामला है क्या जिसे लेकर उत्तर प्रदेश में बवाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है. दरअसल, साल 2017 में बागपत के डीएम भवानी सिंह थे और तब उन्होंने रेणुका कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. वहीं जब रेणुका प्रमुख सचिव थी, तब भवानी सिंह महिला कल्याण विभाग के निदेशक थे. वहीं जब भवानी सिंह ने रेणुका कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप न लगाते हुए सीधे भ्रष्टाचारी कहा था. इसके बाद रेणुका ने शासन को पत्र लिखा और भवानी सिंह को विकृत मानसिकता वाला बताया था. 2017 में लिखा गया ये पत्र 9 पन्नों का था जो कि अब सामने आया है.

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वहीं जब पत्र सामने आया तो भवानी सिंह से इसपर सवाल किया गया, जिसे उन्होंने ये कहकर टाल दिया कि रेणुका उनकी अधिकारी हैं और कुछ कहने से इंकार कर दिया. भवानी सिंह ने इस मामले पर कुछ ना बोलते हुए सिर्फ कबीरे का दोहा बोला उन्होंने कहा कि ‘कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती, न काहू से बैर’. ऐसे में मौजूदा स्थिति में भवामी सिंह चाहे कुछ भी बोलने से बच रहे हो, लेकिन अगर इस मामले ने तूल पकड़ा तो ये चुपी ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली.

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