पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से वहां पर रहने वाले हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों में कमी नहीं आ रही। सत्ता परिवर्तन के दौरान तो हिंदुओं के उत्पीड़न की खबरें आ ही रही थीं। अब वहां पर सत्ताधारी अंतरिम सरकार ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए वहां बसने वाले हिंदुओें के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी किया है। यह न केवल वहां के हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है, इसने भारत को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है पुलिस
खबरों के अनुसार वहां की अंतरिम सरकार ने फरमान जारी किया है कि वहां पर अजान के समय हिंदू न तो पूजा-पाठ कर सकेंगे, न ही उस समय कोई भजन-कीर्तन या फिर लाउड स्पीकर बजा सकेंगे। यह फरमान अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी की तरफ से जारी किया गया है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस सरकारी आदेश में हिंदुओं को चेतावनी दी गई है कि अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो बगैर किसी वारंट के पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है।
भजन गाने पर रोक!
इस आदेश में दुर्गा पूजा पंडालों में पूजा-पाठ और लाउडस्पीकर बजाने को लेकर भी प्रतिबंध लगाया गया है। फैसले के अनुसार- इसका पालन उन समितियों को भी करना होगा, जो बांग्लादेश में अगले महीने 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच दुर्गा पंडाल स्थापित करेंगी। इन सभी पूजा पंडालों में अजान से पांच मिनट पहले सभी तरह के पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों बंद करने होंगे।
अजान और नमाज के वक्त लाउड स्पीकर पर भजन लगाने और धार्मिक मंत्रोच्चारण पर पूरी तरह से रोक रहेगी। बता दें, पिछले साल बांग्लादेश में 33 हजार से अधिक दुर्गा पंडाल लगाए गए थे। इस फरमान का असर इस बार इन पंडालों पर भी पड़ सकता है। इनकी संख्या घटने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- आदेश को जारी करने से पहले एक बैठक की गई थी, जिसके बाद अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने मीडिया को इस फैसले के बारे में बताया।
कत्लेआम वाले लोगों को किया जा रहा जेलों से रिहा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- सत्ता परिवर्तन के बाद से बांग्लादेश में अब तक 300 हिंदू परिवारों और उनके घरों पर हमले हुए हैं। चार बड़ी घटनाओं में हिंदुओं की मॉब लिंचिंग हुई है और 10 से ज्याता हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर 49 हिंदू अध्यापकों से जबरन इस्तीफे लिए जाने की खबरें हैं। यही नहीं, हिंदुओं में डर बढ़ाने के लिए कत्लेआम वाले लोगों को जेलों से रिहा किया जा रहा है।
भारत में मुहर्रम को दी गई थी पहल
दूसरी तरफ साल 2017 में पश्चिम बंगाल में दुर्गा विसर्जन के दिन ही मोहर्रम का जुलूस निकलना था। तब तत्तालीन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने फैसला लिया था कि पहले मोहर्रम का जुलूस निकलेगा और बाद में अगले दिन दुर्गा विसजर्न किया जाएगा। इसके उलट मुसलमान बहुसंख्यक बांग्लादेश में यह फैसला लिया गया है कि जब मुसलमान अपनी मस्जिदों से अजान के लिए लाउड-स्पीकर बजाएंगे, तब हिन्दुओं को पंडालों में लगे लाउड-स्पीकर बंद करने होंगे।