Saturday, October 26, 2024
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हिंदुओं को लेकर बांग्लादेश ने नए पीएम युसून ने दिया बड़ा बयान, कही ये बड़ी बात

बांग्लादेश में हाल में हुए उथल पुथल और तख्तापलट के बाद मोहम्मद युनूस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बनाया गया है. इसके साथ ही बांग्लादेश में अब शेख हसीना का राज खत्म हो चुका है. हालांकि शेख हसीना के रहते बांग्लादेश में हिंदुओं को सुरक्षित समझा जाता था. लेकिन अब नई अंतरिम सरकार के आने से पहले ही हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं सताने लगी हैं. इस बीच बांग्लादेश के नए पीएम युनूस का बांग्लादेशी हिंदुओं को लेकर एक बड़ा बयान सामने आ गया है.

बांग्लादेश में 5 अगस्त को सत्ता विरोध लहर ने कुछ ऐसा असर दिखाया कि एक झटके में तख्तापलट हो गया. शेख हसीना को अपनी जान बचाकर देश ही छोड़ना पड़ा जबकि उनके निकलने के साथ ही बांग्लदेशी हिंदुओं पर हमलों की घटनाओं में तेजी से इजाफा होने लगा. इन हमलों में इतना इजाफा हुआ कि कुछ ही दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं को अटैक की एक दो नहीं बल्कि 200 घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

इन हमलों ने बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को लेकर चिंताएं भी बढ़ाई हैं. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक सभी देश बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को लेकर एक स्वर में आवाज उठा रहे हैं.

हिंदुओं को लेकर क्या बोले मो. युनूस

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार में बने प्रधानमंत्री और नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस ने हिंदुओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर हिंदुओं पर इसी तरह हमले होते रहे तो बांग्लादेश की सरकार ही गिर जाएगी. उन्होंने तत्काल प्रभाव से इस तरह के हमलों को रोकने की बात कही है. दरअसल हिंदुओं पर हो रही हमलों की घटना ने युनूस सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में युनूस ने कहा है कि हिंदुओं समेत देश में रह रहे जितने भी अल्पसंख्यक हैं उन पर हमलों की घटना पूरी तरह से रुक जानी चाहिए.

युनूस ने हमलों को बताया चिंताजनक

युनूस ने एक आपातकालीन बैठक में देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लगातार अल्पसंख्यकों पर हो रही हमले की घटना चिंता का कारण हैं. यह न सिर्फ सरकार बल्कि देश के लिए भी खतरे ही घंटी है. कैबिनेट मीटिंग में उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे जघन्य हमलों को रोकने के लिए उपाय तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिए जाने चाहिएं.

उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हमलें की घटना या फिर उनका विरोध कर रहे गुटों की अगुवाई करने वाले छात्रों को भी आगाह किया है. वह अपनी कोशिशों को उन लोगों के हाथों बर्बाद न होनें दे जो उनकी उन्नति को बाधित कर सकते हैं.

 

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