Thursday, October 3, 2024

बरेली कोर्ट का ‘लव जिहाद’ मामले में ऐतिहासिक फैसला, दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक लव जिहाद मामले में अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस मामले में, एक मुस्लिम युवक पर आरोप था कि उसने एक हिंदू लड़की को धोखे से विवाह के लिए प्रेरित किया था। इसके लिए कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ ही एक लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रेम एक व्यक्तिगत भावना है और किसी भी धर्म के लोगों को अपने-अपने जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रेम विवाह को धार्मिक नफरत के नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे एक मानवीय अधिकार के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।

 

 

उत्तर प्रदेश सरकार के ऑपरेशन कनविक्शन के तहत यह ऐतिहासिक फैसला आया है. इस मामले में आरोपी के पिता को भी सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने भोजीपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद आलिम पुत्र मोहम्मद साबिर उर्फ रफीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

कोर्ट ने मोहम्मद आलिम के पिता साबिर उर्फ रफीक अहमद को दो साल की सजा सुनाई है. इस मामले में आईपीसी की धारा 376(2)(n), 323, 504, 506 के तहत देवरनिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मोहम्मद आलिम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और उसके पिता को दो साल की सजा सुनाई है.

दरअसल, पीड़िता बरेली के राजेंद्र नगर में कंप्यूटर की कोचिंग करती थी. यहीं पर मोहम्मद आलिम भी कंप्यूटर की कोचिंग क्लास लेने आता था. इस दौरान उसने अपना नाम आनंद बताकर पीड़िता से दोस्ती की. इसके बाद मोहम्मद आलिम ने उसे लव जिहाद का शिकार बनाया.

आरोपी युवक उसे मंदिर ले गया, जहां उसकी मांग भरकर शादी करने का झांसा दिया. इसके बाद उसने युवती को अपने दोस्त के कमरे पर ले जाकर हवस का शिकार बनाया. इतना ही नहीं आरोपी ने उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे धमकाया और फिर कई बार उसे हवस का शिकार बनाया.

पीड़िता जब आरोपी के घर पहुंची तब उसे पता चला जिसे वो आनंद समझ रही थी वो मोहम्मद आलिम है. मोहम्मद आलिम के परिवार वालों ने पीड़िता के साथ मारपीट की और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसका जबरन गर्भपात करवा दिया गया. इस मामले में 6 महीने के अंदर अदालत में अपना फैसला सुनाया है.

एडीजीसी दिगंबर पटेल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने अपने आदेश में कहा है कि आदेश की एक प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली को प्रेषित की जाए, जिससे वह जनपद के सभी थानों की पुलिस को सचेत करें.

इस आदेश में कहा गया है कि जहां कहीं भी लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण का मामला या इस तरह के अन्य मामले सामने आएं, तो सुसंगत प्रावधानों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के अंतर्गत कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए.

एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि पुलिस महानिदेशक के जरिये चलाये जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत ये मुकदमा चिह्नित किया गया था. इसमें 30 सितंबर 2024 फैसला आया है.

उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली के कुशल नेतृत्व और पुलिस अधीक्षक दक्षिणी, नोडल अधिकारी ऑपरेशन कन्विक्शन जनपद बरेली और थाना के पैरोकार के प्रभावी पैरवी के क्रम में सजा करायी गयी है.

 

 

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