नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई अब और जवाबदेह बनेगा. केंद्रीय सूचना आयोग ने आदेश दिया है कि बीसीसीआई को अब आरटीआई के दायरे में आना होगा. यानी अब बीसीसीआई देश की जनता के प्रति जबावदेह होगा. आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना के लिए बीसीसीआई को आवेदन प्राप्त करने के लिए 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था बनानी होगी.
सभी पहलुओं को देखकर फैसला
बीसीसीआई पर फैसला लेने से पहले केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कानून, सुप्रीम कोर्ट के आदेश, विधि आयोग की रिपोर्ट और खेल मंत्रालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी की प्रस्तुतियां देखीं. इसके आधार पर तय किया गया कि बीसीसीआई की स्थिति, प्रकृति और काम करने की विशेषताएं आरटीआई प्रावधान की धारा दो (एच) की जरूरी शर्तों को पूरा करती हैं. इस फैसले के बाद अब कोई शख्स आरटीआई लगाकर यह पता कर सकता है कि फलां खिलाड़ी टीम में किन कारणों के चलते शामिल किया गया या किसी प्लेयर को टीम से बाहर क्यों रखा गया.
15 दिन में औपचारिकताएं पूरी करे बीसीसीआई
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने आरटीआई के तहत सूचना के आवेदन प्राप्त करने के लिए बीसीसीआई को 15 दिन के अंदर ऑनलाइन और ऑफलाइन ढांचा तैयार करने के निर्देश दिए. यह मामला उनके सामने तब पेश हुआ जब खेल मंत्रालय ने आरटीआई आवेदक गीता रानी को संतोषजनक जवाब नहीं दिया. गीता रानी ने उन प्रावधानों और दिशानिर्देशों को जानने की मांग की थी जिसके अंतर्गत BCCI भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है और देश के लिए खिलाड़ियों का चयन कर रहा है.
37 पन्नों का आदेश
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने 37 पन्ने के आदेश में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी फिर से यह पुष्टि कर दी है कि बीसीसीआई देश में क्रिकेट को व्यवस्थित करने वाला एकमात्र मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्तर का निकाय है. जिसके पास इसका लगभग एकाधिकार है.’ आचार्युलू ने कानून के अंतर्गत जरूरी केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी, केंद्रीय सहायक सार्वजनिक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारिंयों के तौर पर योग्य अधिकारी नियुक्त करने के लिए अध्यक्ष, सचिव और सीओए को निर्देश दिया.