5 जनवरी से भारतीय घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी शुरू होने वाला है, जिसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. इस टूर्नामेंट में एक तरफ जहां टीमों ने अपने-अपने स्क्वाड में बदलाव किए हैं तो वहीं बीसीसीआई ने डेड बॉल नियम में थोड़ा बदलाव किया है, जो 5 जनवरी से शुरू होने इस टूर्नामेंट में लागू होगा. डेड बाल से जुड़े इन नियम का फायदा गेंदबाजी टीम को मिलेगा.
इससे पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में यह नियम लागू हो चुका है. अब रणजी में खिलाड़ियों को इसका ध्यान रखना होगा, चलिए जान लेते हैं आखिर क्या है डेड बॉल से जुड़ा नियम, जिसमें बीसीसीआई ने अपने स्तर पर बदलाव किया है.
बीसीसीआई ने अपने नए नियम में कहा है कि डेड बॉल को बल्लेबाज कुछ शर्तों के साथ गेंद को हिट सकता है. क्रीज के भीतर रहकर गेंद पर हिट किया जा सकता है. अगर बल्लेबाज क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलता है तो बल्लेबाजी पक्ष पर 5 रनों की पेनल्टी लगेगी. फील्ड अंपायर इसका फैसला ले सकते हैं. इस तरह की घटना होने पर अंपायर उस गेंद को डेड बॉल करार दे सकता है. हालांकि अंपायर इस बारे में दोनों टीमों को जानकारी देंगे.
बीसीसीआई का ये बदलाव मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी MCC के नियम 34.1.1 ‘Out Hit the ball twice’ से भी जुड़ा हुआ है. मतलब अगर बल्लेबाज खुद को आउट होने से बचाने के लिए गेंद को दोबारा हिट करता है तो उस पर 5 रन की पेनल्टी लगेगी. हम देखते हैं कि कई बार गेंद आकर खिलाड़ी के शरीर पर लगती है और वह स्टंप पर जाने लगती है, ऐसे कंडीशन में बैटर जानबूझकर गेंद को दोबारा हिट करने जाता है.
अगर अंपायर किसी गेंद को डेड घोषित करता है, तो गेंदबाज को उस दोबारा फेंकना पड़ता है, जिसे हम डेड बॉल कहते हैं. क्रिकेट मैच के दौरान कई बार देखने को मिलता है कि बॉलर्स के हाथ से कई बार गेंद छूटकर पिच के बाहर गिरती है, जिस पर हमला करने के लिए बल्लेबाज पिच से बाहर जाता है और छक्का मारने की कोशिश करता है. अगर हिट लग जाता है तो पहले बल्लेबाजी टीम को रनों का फायदा होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि नियम बदल गए हैं.