अपने भाई के लिए उपवास रखने से पहले ये बात जरूर जान लें,दूर होंगी सब बलाएं

Bhai Dooj Katha: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का त्योहार हर भाई और बहन के लिए बेहद ही खास होता है. देशभर के कई हिस्सों में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर 2022, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई (Bhai Dooj ki Kahani) को तिलक कर उसकी लंबी उम्र (Bhai Dooj Katha in Hindi) की प्रार्थना करती हैं. भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है और मान्यता है कि भाई-दूज के दिन बहनों को कथा सुनने के बाद ही भाई का तिलक करना चाहिए

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के दो संताने थी. पुत्र का नाम यमराज और पुत्री का नाम यमुना था. संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उन्हें ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई. छाया को यम और यमुना से अत्यधिक लगाव नहीं था, लेकिन यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थीं. यमुना अपने भाई यमराज के यहां रोजाना जाती और उनके सुख-दुख की बातें पूछा करती. यमुना ने कई बार यमराज को अपने घर पर आने के लिए भी आमंत्रित किया, किंतु व्यस्तता तथा अत्यधिक दायित्व के कारण वे उसके घर नहीं जा पाते थे.

एक बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर अचानक जा पहुंचे. बहन के घर जाते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया. बहन यमुना ने अपने भाई का बड़ा आदर-सत्कार किया. विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए और उन्हें भोजन कराया तथा तिलक लगाया. यमराज ने चलते वक्त बहन यमुना से मनोवांछित वरदान मांगने को कहा.

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