बेंगलुरु। एआईएडीएमके की नेता और तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता का निधन साल 2016 में हो गया था। मौत के 8 साल बाद अब एक बार फिर जयललिता चर्चा में हैं। वजह है उनकी 27 किलो सोने और हीरे की ज्यूलरी। बेंगलुरु के एक कोर्ट ने जयललिता की करोड़ों की कीमत की ये 27 किलो ज्यूलरी तमिलनाडु सरकार को देने का आदेश जारी किया है। इस ज्यूलरी में से 20 किलो की नीलामी तमिलनाडु सरकार करेगी। आप सोच रहे होंगे कि जयललिता की ज्यूलरी को आखिर तमिलनाडु सरकार को देने का आदेश अदालत ने क्यों सुनाया है? वजह है 100 करोड़ रुपए। जी हां, 100 करोड़ रुपए की वसूली के लिए जयललिता की ज्यूलरी को तमिलनाडु सरकार नीलाम करेगी।
दरअसल, जयललिता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। उनको जेल की सजा भी हुई थी। जयललिता के साथ उनकी करीबी एन. शशिकला, जे. इलवरासी और वीएन सुधाकरन को साल 2014 में भ्रष्टाचार के केस में सजा सुनाई गई थी। जयललिता पर 100 करोड़ और बाकी पर 10-10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। ये जुर्माना अभी भरा नहीं गया है। कोर्ट ने जुर्माने की रकम वसूल करने के लिए जयललिता की ज्यूलरी को नीलाम करने का आदेश दिया है। कुल ज्यूलरी 27 किलो की है। इसमें से 7 किलो ज्यूलरी जयललिता को अपनी मां से मिली थी। इस वजह से उसकी नीलामी नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 6 और 7 मार्च को जयललिता की ये ज्यूलरी तमिलनाडु के चीफ सेक्रेटरी को सौंप दी जाए। ज्यूलरी की नीलामी के बाद जुर्माने की जो बकाया रकम होगी, उसकी वसूली के लिए जयललिता की अचल संपत्तियों को बाद में नीलाम किया जाएगा। जयललिता पहले साउथ की फिल्मों की नामचीन हिरोइन थीं। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने तमिल सिनेमा में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कदम रख दिए थे बाद में उन्होंने एमजी. रामचंद्रन के साथ आकर राजनीति शुरू की। जयललिता 5 बार तमिलनाडु की सीएम रहीं। तमिलनाडु में फिलहाल सत्तारूढ़ डीएमके के साथ जयललिता की अदावत काफी चर्चित रही। यहां तक कि उन्होंने एक बार रात में डीएमके के चीफ रहे के. करुणानिधि को पुलिस भेजकर घर से उठवा लिया था।