बयान पर मचे घमासान के बाद भगत सिंह कोश्यारी ने दी सफाई, कहा- मराठियों के अपमान का कोई उद्देश्य नहीं था

 शुक्रवार यानी बीते कल अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा का विषय बने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य मराठियों के अपमान का बिल्कुल भी नहीं था मैं तो बस गुजरातियों और राजस्थानियों के योगदान की सराहन कर रहा था।
गौरतलब है कि, राज्यपाल ने शुक्रवार को मुंबई के अंधेरी में एक आयोजन में बोलते हुए मारवाड़ी गुजराती वर्ग की सराहना  की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं, अस्पताल, स्कूल आदि बनाकर जगह के विकास में अहम योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई घन नहीं बचेगा और मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा। इस बयान ने महाराष्ट्र में सियासी भूचाल ला दिया। शिवसेना, कांग्रेस और मनसे के नेताओं ने इस बयान को मराठी गौरव को ‘आहत’ करने वाला बताया। शिवसेना सांसद संजय राउत ने तो इस्तीफे तक की मांग कर डाली ।

 भगत सिंह कोसियारी ने दी सफाई 

मुंबई महाराष्ट्र का गौरव है। यह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुझे गर्व है कि मुझे एक राज्यपाल के रूप में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि और मराठी लोगों की सेवा करने का मौका मिला। इस करण से मैंने बहुत कम समय में मराठी भाषा सीखने का प्रयास भी किया । कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया, उसमें मेरा मराठी समुदाय को कम करके आंकने का कोई उद्देश्य नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा व्यापार में किए गए  अहम योगदान पर चर्चा की।

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