क्रीमी लेयर के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को बंद बुलाया. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में हुए इस विरोध का राज्यों में मिलाजुला असर देखने को मिला.
भारत बंद के दौरान गुजरात में प्रदर्शनकारियों ने एक मालगाड़ी और सड़कें अवरुद्ध कर दीं. गुजरात के छोटा उदयपुर, नर्मदा, सुरेंद्रनगर, साबरकांठा और अरावली जैसे जिलों के आदिवासी और दलित समुदाय बहुल इलाकों में बंद का असर देखने को मिला, जहां बाजार बंद रहे.
रेंद्रनगर जिले के वाधवन तालुका में प्रदर्शनकारियों ने मालगाड़ी रोक दी और नारेबाजी की. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और करीब डेढ़ घंटे तक जबरन रोके जाने के बाद, मालगाड़ी भावनगर के लिए रवाना हुई. अरावली जिले के भिलोदा और शामलाजी में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं. वहीं, पाटन और अरावली जिले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया.
पंजाब और हरियाणा में भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया, हालांकि कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए. आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था वहीं, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सामान्य रूप से संचालित रहीं साथ ही दुकानें भी खुली रहीं. पुलिस ने बताया कि दोनों राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
बिहार में भारत बंद के दौरान कुछ जिलों में सड़क एवं ट्रेन यातायात बाधित रहा और कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने दरभंगा और बक्सर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित करने के साथ पटना, हाजीपुर, दरभंगा, जहानाबाद और बेगूसराय जिलों में कई स्थानों पर कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़क यातायात को अवरुद्ध करने की कोशिश की जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.
भारत बंद का उत्तर प्रदेश में मामूली असर रहा. आरक्षण के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में दलित संगठनों ने जुलूस निकाले, पदयात्रा की और प्रदर्शन किया. राज्य में ज्यादातर दुकानें खुली रहीं और कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाली आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बिजनौर, सहारनपुर और आसपास के जिलों में विरोध मार्च निकाला.
असम में भारत बंद का कोई असर नजर नहीं आया. राज्य भर में विद्यालयों, कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कामकाज सामान्य ढंग से चला तथा कर्मियों की पूर्ण उपस्थिति रही. यातायात सामान्य रहा तथा लंबी दूरी की बसें निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार चलीं. रेलवे सेवाएं निर्बाध रहीं तथा सभी ट्रेनें समय से चल रही हैं.