देश में इन दिनों संविधान को लेकर बहस तेज़ हो गई है। कोई खुद को संविधान का सच्चा रक्षक बताने में लगा है तो कोई संविधान को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रहा है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी 11 जनवरी से 25 जनवरी तक पूरे देश में ‘संविधान गौरव अभियान’ चलाने जा रही है। इस अभियान के माध्यम से बीजेपी खासतौर पर अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, पार्टी कई रैलियां और सभाएं भी आयोजित करेगी, जिनमें केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता लोगों को संबोधित करेंगे। इस अभियान को एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर उठे विवाद का जवाब भी माना जा रहा है।
संविधान गौरव अभियान की शुरुआत
संविधान गौरव अभियान का उद्देश्य ना सिर्फ संविधान की अहमियत को लोगों तक पहुंचाना है, बल्कि बीजेपी यह भी चाहती है कि एससी वर्ग के लोग इसे लेकर जागरूक हों। इस अभियान के दौरान बीजेपी पूरे देश के बड़े शहरों और राजधानियों में 50 से ज्यादा गोष्ठियों का आयोजन करेगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य संविधान और उसकी प्रस्तावना को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। बीजेपी ने खासतौर पर एससी बहुल इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया है। इन इलाकों में बीजेपी रैलियां और सभाएं आयोजित करेगी। पार्टी का कहना है कि इस कार्यक्रम के जरिए युवाओं को जागरूक किया जाएगा और उन्हें यह बताया जाएगा कि संविधान किस तरह से उनके हक और अधिकारों की सुरक्षा करता है।
बीजेपी के अंदरूनी राजनीति और अमित शाह का बयान
बीजेपी का संविधान गौरव अभियान इस संदर्भ में भी खास है कि इसे गृहमंत्री अमित शाह के एक विवादास्पद बयान के बाद शुरू किया गया है। शाह ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिससे विवाद पैदा हो गया था। दरअसल, यह बयान संविधान की अहमियत को लेकर था और उसकी आलोचना करने वालों पर निशाना साधा गया था। अब इस अभियान के जरिए बीजेपी इस विवाद का उत्तर देने की कोशिश कर रही है। पार्टी चाहती है कि संविधान का सही अर्थ और उसकी महत्ता को लेकर लोगों के बीच सकारात्मक माहौल बने, विशेषकर उन वर्गों में जिन्हें अक्सर संविधान के प्रति अपनी आस्था पर सवाल उठाने की वजह से निशाना बनाया जाता है।
अध्यक्ष और टीम की नियुक्ति
इस अभियान के अध्यक्ष के रूप में पार्टी ने विनोद तावड़े को नियुक्त किया है। तावड़े बीजेपी के महासचिव हैं और पार्टी के भीतर उन्हें एक सक्षम नेता माना जाता है। तावड़े के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनाई गई है, जो पूरे अभियान की निगरानी करेगी। इस कमेटी का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि अभियान सही तरीके से चले और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
बीजेपी का अभियान और सोशल मीडिया
बीजेपी के इस अभियान में एक और दिलचस्प पहलू यह है कि पार्टी ने एससी समाज के इनफ्लुएंसर्स को भी जोड़ने का फैसला किया है। इनफ्लुएंसर्स, जो समाज के विभिन्न हिस्सों में प्रभाव रखते हैं, इस अभियान के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इनफ्लुएंसर्स न केवल सोशल मीडिया पर कंटेंट शेयर करेंगे, बल्कि वे ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ और बाबा साहब अंबेडकर के योगदान पर आधारित संदेशों को फैलाने का काम करेंगे।
इसके साथ ही, इनफ्लुएंसर्स मोदी सरकार के कामकाज को लेकर भी कंटेंट तैयार करेंगे, जिसमें खासतौर पर सरकार की योजनाओं और नीतियों को समझाया जाएगा। यह कंटेंट उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर शेयर किया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़े और जागरूक हों।
संविधान गौरव अभियान का उद्देश्य
बीजेपी इस अभियान के जरिए एक बड़ा संदेश देना चाहती है कि संविधान केवल एक कागजी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह देश के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करने वाली महत्वपूर्ण धारा है। पार्टी यह भी दिखाना चाहती है कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया यह संविधान हर भारतीय के लिए समानता और स्वतंत्रता की गारंटी है।
अमित शाह और अन्य बीजेपी नेताओं का यह मानना है कि संविधान का सम्मान और उसकी महत्ता का प्रसार समाज के हर वर्ग में होना चाहिए। खासकर एससी समाज में, जो संविधान के जरिए अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है।
रैलियां और सभाएं
बीजेपी का कहना है कि संविधान गौरव अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ता 25 जनवरी को सभी मंडलों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ेंगे। इस दिन को एक ऐतिहासिक अवसर मानते हुए पार्टी संविधान के प्रति अपनी आस्था को और अधिक मजबूत करने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, बीजेपी कई जगहों पर रैलियां आयोजित करेगी, जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता संविधान के महत्व के बारे में लोगों को समझाएंगे।