लखनऊः महज 86 कर्मचारियों पर हर महीने 40 लाख रुपये खर्च हो जाते हैं. अब आपको यकीन हो या न हो लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार में कुछ ऐसा ही हो रहा है. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के आवास राजभवन में 86 कर्मी कार्यरत हैं. इनमें से प्रमुख तथा विशेष सचिव का वेतन शासन द्वारा वहन किया जाता है, जबकि अन्य कर्मियों के वेतन के लिए करीब 40 लाख रुपये का खर्च आता है. यह जानकारी आरटीआई एक्टीविस्ट डा. नूतन ठाकुर को राज भवन के जन सूचना अधिकारी की ओर से दी गई है.
राज भवन के जन सूचना अधिकारी हेमंत कुमार चौधरी द्वारा डा. ठाकुर को दी गई सूचना के अनुसार राज भवन में कुल 86 कर्मी काम करते हैं. इनमें एक प्रमुख सचिव, एक विशेष सचिव तथा एक विधि परामर्शी हैं. साथ ही 4 विशेष कार्याधिकारी, 4 निजी सचिव तथा अन्य सचिवालय सहायक हैं.
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इनके अलावा 1 शेफ, 1 स्टीवर्ड, 6 चालक, 3 वरिष्ठ अनुसेवक तथा 19 अनुसेवक हैं. इनके साथ 16 बेयरर, 5 सहायक बेयरर, 3 मेट, 2 कुक, 1 टेलर, 1 रजक तथा 5 सफाईकर्मी हैं. प्रमुख तथा विशेष सचिव के वेतन शासन से मिलते हैं जबकि अन्य कर्मियों का मासिक वेतन 39,70,530 रुपये है.
सूचना अधिकारी ने राज भवन की सुरक्षा के लिए विभिन्न शासकीय पुलिस कर्मियों की संख्या तथा उनका मासिक वेतन आरटीआई के अधीन अपवर्जित बताते हुए मना कर दिया. इस पर नूतन का कहना है कि मना करने का कारण सही नहीं दिखता है और वे इसके खिलाफ अपील करेंगी.