बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, सियासी माहौल गर्माता जा रहा है। एक तरफ पार्टियां गठबंधन और रणनीतियां बना रही हैं, तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार की सरकार को क्राइम के मुद्दे पर घेर लिया है। लालू ने नीतीश और बीजेपी पर कानून व्यवस्था को दफन करने का आरोप लगाया है। इस बीच, पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, जहां हाल ही में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
लालू का तीखा वार: ‘नीतीश ने बिहार को जंगलराज बना दिया’
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “नीतीश बताएं, शाम 5 बजे से पहले घरों में घुसकर कितनी हत्याएं हो रही हैं? क्या उन्हें पता है कि उनके राज में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश और बीजेपी ने बिहार की कानून व्यवस्था का न सिर्फ दम निकाला, बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और निकम्मी पुलिस पहले कभी नहीं देखी।” लालू का ये हमला साफ दिखाता है कि RJD बिहार में क्राइम को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
पटना में बेलगाम अपराध: दो हत्याएं, रिटायर्ड नर्स और बेटी की भी जान गई
बिहार की राजधानी पटना में अपराधियों का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा। मझौली-सिंघाड़ा मार्ग पर दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने दो लोगों को गोली मारकर ढेर कर दिया। पुलिस ने शव बरामद कर लिए हैं और जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी फरार हैं। इसके अलावा, सोमवार को एक रिटायर्ड नर्स और उसकी बेटी की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इन घटनाओं ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।
NCRB के आंकड़े: बिहार में क्राइम का सच क्या है?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में क्राइम की स्थिति उतनी खराब नहीं, जितना विपक्ष दावा कर रहा है। प्रति लाख जनसंख्या पर हत्या के मामलों में बिहार देश में 14वें नंबर पर है। 2022 में बिहार की कुल संज्ञेय अपराध दर 277.1 थी, जो राष्ट्रीय औसत 422.2 से काफी कम है। इस मामले में बिहार 19वें स्थान पर है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अपराध दर 168.1 थी, जिसने बिहार को 21वें स्थान पर रखा।
2021 में 69.73% अपराध व्यक्तिगत दुश्मनी, अवैध संबंध या विवाद से जुड़े थे, जो 2022 में बढ़कर 71.20% और 2023 में 73.69% हो गए। बिहार पुलिस का दावा है कि आंध्र प्रदेश (368.2), गुजरात (738.9), हरियाणा (810.4), केरल (1274.8) जैसे राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध दर कम है। लेकिन लालू और RJD इन आंकड़ों को दरकिनार कर नीतीश सरकार को ‘जंगलराज’ का तमगा देने में जुटे हैं।
सियासी जंग में क्राइम बना हथियार
लालू और तेजस्वी यादव लगातार सोशल मीडिया और रैलियों में नीतीश सरकार को क्राइम, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रहे हैं। RJD का दावा है कि नीतीश और बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने बिहार को अपराध और अराजकता के हवाले कर दिया है। दूसरी तरफ, नीतीश सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुटी है और विपक्ष पर लालू-राबड़ी के ‘जंगलराज’ को वापस लाने का आरोप लगा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ये सियासी तीर और तेज होंगे।