नई दिल्ली : कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे की पुलिस से हुई मुठभेड़ को न्यायिक जांच आयोग ने सही ठहराते हुए पुलिस को क्लीनचिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश की गई. रिपोर्ट में गंभीर आरोपों से घिरी पुलिस को बड़ी राहत दी गई है. आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दे दी है. न्यायिक आयोग में हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल व सेवानिवृत्त डीजीपी केएल गुप्ता बतौर सदस्य शामिल थे.
बता दें कि कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके पांच साथियों को ढेर करने वाली पुलिस टीम पर फर्जी मुठभेड़ के गंभीर आरोप लगे थे. विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने पहले फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया था. लेकिन बाद में वो सामने नहीं आई.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित न्यायिक आयोग की जांच में पुलिस के बयानों और मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट से उसकी थ्योरी में कहीं कोई भेद नहीं पाया. न्यायिक आयोग ने पुलिस सुधार की कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल 2020 में 2 व 3 जुलाई की रात विकास दुबे और उसके गिरोह के अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस के आठ जवानों की हत्या कर दी गई थी.इसके जवाबी कार्रवाई में हत्या करने वाले अपराधियों और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कई अपराधी भी मारे गए थे.