थट्टा। पाकिस्तान में आम चुनाव हो चुके हैं, लेकिन सरकार गठन में पेच फंसा हुआ है। इसकी वजह ये है कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है। बीते दिनों ये खबर आई थी कि नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच सरकार बनाने के मसले पर एक फॉर्मूला तय हुआ है। अब बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस फॉर्मूले से हाथ खींच लिए हैं। बिलावल भुट्टो ने रविवार को पाकिस्तान के थट्टा में एक जनसभा में बताया कि उनको पेशकश की गई थी कि पीएम का पद पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच साझा होगा। इससे पहले शनिवार को पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच समझौते के लिए एक बार फिर बातचीत हुई थी।
बिलावल भुट्टो ने कहा कि उनको ये फॉर्मूला नवाज शरीफ की तरफ से दिया गया था कि पहले पीएमएल-एन का पीएम 3 साल के लिए होगा। फिर बाकी 2 साल के लिए पीपीपी का पीएम बनाया जाएगा। बिलावल भुट्टो ने कहा कि इस फॉर्मूले को मैंने मना कर दिया। पीपीपी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि इस तरह से वो पीएम नहीं बनना चाहते। बिलावल भुट्टो ने कहा कि पीएम तब बनेंगे, जब पाकिस्तान की जनता इस पद के लिए उनको चुनेगी। बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान को ऐसे पीएम की जरूरत है, जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करे। सबको अपना स्वार्थ छोड़ना चाहिए।
बिलावल का ये बयान रावलपिंडी के आयुक्त रहे लियाकत अली चट्ठा के उस खुलासे के बाद आया है कि पाकिस्तान में चुनाव धांधली हुई और हारे हुए उम्मीदवारों को जिताया गया। इस आरोप की पाकिस्तान चुनाव आयोग जांच करा रहा है। वहीं, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने धांधली के आरोप में देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा हुआ है। पाकिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी के समर्थन से 93 निर्दलीयों ने जीत हासिल की है। नवाज शरीफ की पार्टी ने 75 और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी ने 54 सीटें जीती हैं। एमक्यूएम ने 17 सीटें हासिल की हैं। सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली की 265 में से 133 सीटें होना जरूरी है।