बिलकिस बानो केस में दोषियों को सजा माफ करने के गुजरात सरकार के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। इस याचिका में सभी दोषियों की सजा पर फिर से विचार करने की मांग की गई है। वहीं चीफ जस्टिस एन वी रमना की नेतृत्व वाली पीठ ने केस में दोषियों की सजा माफी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और अधिवक्ता अपर्णा भट की दलीलों पर ध्यान दिया। इसके बाद कोर्ट याचिका को क्रमबद्ध करने पर विचार करने पर हामी भरी है। गौरतलब है कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में हिंसा भड़क गए थे और इसी दंगे के दौरान बिलकिस बानों के परिवार के 7 सदस्यों का मर्डर कर दिया गया था। इतना ही नहीं उत्पतियों ने बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप भी किया था।
BREAKING: #BILKISBANO CASE REACHES SUPREME COURT
Advocate Aparna Bhat: Supreme Court gave a discretion to the state to consider it
Sr Adv Kapil Sibal: we are challenging the remission order. pregnant woman raped and 14 killed
CJI NV Ramana: we will see pic.twitter.com/6LEt3icvzb
— Bar & Bench (@barandbench) August 23, 2022
समझें पूरा मामला
आपको बता दें कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में हिंसा भड़क गए थे और इसी हिंसा के दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद जनपद के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार के सदस्यों पर हमला किया था। बिलकिस बानो, जो उस वक्त पाँच माह की गर्भवती थी, के साथ गैंग रेप किया गया और उसके परिवार के 7 लोगों को दंगाइयों ने निर्मम हत्या कर दी।