अपनी सुरीली आवाज से बॉलीवुड में अलग ही मुकाम पाने वाली श्रेया घोषाल का आज 35वां जन्मदिन है. श्रेया घोषाल उन चुनिंदा सिंगर्स में से एक हैं जिन्हें एक या दो बार नहीं बल्कि 4 बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा 6 फिल्म फेयर अवॉर्ड्स भी उन्होंने अपने नाम किए हैं. सिंगिग में अवॉर्ड्स जीतने का ये सिलसिला तो बहुत लंबा है. आज उन्के जन्मदिन के मौके पर जानते है उन्से जुड़ी कुछ खास बातें ।
मात्र 6 साल की उम्र में ही उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था. श्रेया घोषाल ने बेहद कम ही उम्र में सिंगिग जगत में अपना एक खास मुकाम बना लिया था. वहीं, अगर उनकी पहली एलबम की बात करें तो उन्होंने 14 साल की उम्र में अपनी पहली स्टूडियो एलबम रिकॉर्ड की थी. जिसमें एक या दो नहीं बल्कि 14 गाने थे. ये एक बंगाली एलबम थी.
बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रेया घोषाल को मात्र 18 साल की उम्र में ही उनका पहला नेशनल अवॉर्ड मिल गया था. उन्हें ये अवॉर्ड साल 2002 में आई फिल्म ‘देवदास’ के लिए मिला था.
कुछ मजेदार फैक्ट्स
श्रेया घोषाल ने एक या दो नहीं अब तक 12 भारतीय भाषाओं में गीत गाए हैं. इनमें हिंदी, बंगाली, असमी, कन्नड़ जैसी प्रमुख भाषाएं शामिल हैं.
श्रेया घोषाल एक ऐसी सिंगर हैं जिनकी आवाज एक या दो नहीं बल्कि पांच जॉनर्स में पसंद की जाती है. इसमें गजल, क्लासिकल , पॉप , फिल्म्स और भजन शामिल हैं.
श्रेया घोषाल को बॉलीवुड में सबसे पहला ब्रेक फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने दिया था. श्रेया घोषाल ने सिंगिग रियालिटी शो ‘सा रे गा मा पा’ में हिस्सा लिया था जहां उनकी आवाज की खूबसूरती को संजय लीला भंसाली ने पहचाना और अपनी फिल्म ‘देवदास’ में गाने का मौका दिया. श्रेया ने भी संजय को निराश नहीं किया और उन्होंने अपने गाने ‘बैरी पिया’ के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड जीता.
श्रेया घोषाल अब तक अलग-अलग भाषाओं में 1000 से भी ज्यादा गाने गा चुकी हैं.
साल 2013 में श्रेया घोषाल को संगीत जगत में दिए उनके अद्वितीय योगदान के लिए यूनाइटेड किंगडम (UK) ने House of Commons of the United Kingdom के सम्मान से नवाजा. ये लंदन में किसी भी भारतीय गायक को दिया गया अब तक सबसे बड़ा सम्मान है.
इतना ही नहीं लंदन में 26 जून को श्रेया घोषाल डे के रूप में मनाया जाता है
श्रेया घोषालअपने गानों के चयन को लेकर बेहद स्ट्रिक्ट रहती हैं और वो किसी भी ऐसे गाने को चुनती जिसमें आपत्तिजनक या डबल मिनिंग लिरिक्स होते हैं.