सोनिया गांधी के ‘Poor Lady’ बयान पर बीजेपी का हमला, नड्डा ने कांग्रेस से माफी की मांग की

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर की गई टिप्पणी को लेकर सियासी विवाद पैदा हो गया है। सोनिया ने राष्ट्रपति के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “Poor Lady Was Tired At the End”, जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए माफी की मांग की है।

बीजेपी ने सोनिया गांधी के बयान की निंदा की

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द कांग्रेस की गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी का यह बयान पूरी तरह से निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी की यह सोच देश की आदिवासी संस्कृति और उनके अधिकारों के खिलाफ है।”

नड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस की यह आदत बन चुकी है कि वह संवैधानिक पदों का अपमान करती है। उन्होंने पार्टी से बिना शर्त राष्ट्रपति मुर्मू और देश के आदिवासी समुदाय से माफी मांगने की मांग की।

कांग्रेस के बयान पर बीजेपी सांसदों का विरोध

बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने भी सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज देश ने राष्ट्रपति के भाषण को ध्यानपूर्वक सुना। यह दुखद है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने जो टिप्पणी की, वह अस्वीकार्य है। राष्ट्रपति मुर्मू अपने भाषण में पूरी तरह से सजग और मजबूत थीं।” पात्रा ने यह भी कहा कि भारत गणराज्य में राष्ट्रपति का पद अत्यंत सम्मानजनक है और उन्हें इस तरह की टिप्पणी से अपमानित नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस ने क्यों की थी टिप्पणी?

यह विवाद उस वक्त हुआ जब संसद में बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना अभिभाषण दिया। राष्ट्रपति का यह भाषण एक घंटे लंबा था, और सोनिया गांधी ने इसे लेकर कहा था कि राष्ट्रपति अंत में बहुत थकी हुई दिख रही थीं, और “बेचारी” हो गई थीं। इस बयान ने एक बार फिर से कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान को जन्म दिया है।

बीजेपी का आरोप: आदिवासी समुदाय का अपमान

बीजेपी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बयान आदिवासी समुदाय का अपमान है। पार्टी ने कहा कि सोनिया गांधी के बयान में इस बात का इशारा था कि आदिवासी राष्ट्रपति का सम्मान नहीं किया जा रहा है। बीजेपी ने कहा कि यह बयान न केवल राष्ट्रपति, बल्कि पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान है और कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस का क्या कहना है?

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अभी तक किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के नेताओं ने यह जरूर कहा कि वे राष्ट्रपति के भाषण को लेकर अपनी बात आगामी दिनों में रखेंगे। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति से वही कहलवाया है, जो वह चाहती थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि “राष्ट्रपति का भाषण सरकारी पब्लिसिटी का पुलिंदा बनकर रह गया है।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्थिति पर बयान

सोनिया गांधी के बयान के बाद कई नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्थिति को लेकर भी अपनी राय दी है। बीजेपी नेताओं ने यह साफ किया कि राष्ट्रपति मुर्मू अपने पद पर सशक्त और समर्थ हैं, और उन्हें “बेचारी” कहना पूरी तरह से अनुचित है। बीजेपी का कहना है कि यह बयान कांग्रेस की घटिया राजनीति और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

क्या होगी कांग्रेस की अगली प्रतिक्रिया?

इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। क्या वह इस विवाद को और बढ़ने से रोकने के लिए माफी मांगती है, या फिर बीजेपी के आरोपों का जवाब देती है? फिलहाल, यह सवाल बना हुआ है और आने वाले दिनों में यह सियासी विवाद और भी गहराई पकड़ सकता है।

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