Manipur violence: पिछले 100 दिनों से मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मोदी इस मुद्दे पर बयान नहीं दे रहे थे इसलिए मानसून सत्र के दौरान अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मुद्दा पर वो कुछ बोलें। इस दौरान पीएम ने जवाब भी दिया। लेकिन उनके बयान के बाद अब BJP के सहयोगी दल के नेताओं ने भी केंद्र की नीतियों पर सवाल करने शुरू कर दिए हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के सांसद ने जिनका नाम लोरहो पफोज उन्होंने ने कुछ ऐसा बयान दिया है, जो बीजेपी को रास नहीं आएगी। पफोज ने कहा है कि हम संसद में मणिपुर पर अपनी बात रखना चाहते थे। लेकिन इसके लिए उन्हें इजाजत नहीं मिली। NPF के MP ने कहा कि हम भले ही बीजेपी के सहयोगी हैं, लेकिन अपने लोगों के लिए आवाज तो हमें उठानी ही होगी।
उसके बयान के बाद लोरहो पफोज ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से भी नाराजगी जताई है। लोरहो पफोज ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए और हिंसा की दंश झेल रहे लोगों के जख्मों पर मरहम लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और मुझे इस बात से काफी ठेस पहुंचा है। पफोज की नाराजगी यहीं नहीं थमी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने बीरेन सिंह को बचाया है। जबकि उन्होंने मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, 3 मई के बाद स्थिति रोज बिगड़ती गई, वो हाथ पर हाथ रख बैठे रहे।