महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ताजा रुझानों के अनुसार, बीजेपी नीत महायुति गठबंधन ने शानदार बढ़त बना ली है और बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी अकेले 125 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना 56 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 36 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। महायुति गठबंधन का इस समय बहुमत से बहुत अधिक सीटों पर आगे होना यह दर्शाता है कि बीजेपी राज्य में फिर से सत्ता पर काबिज होने जा रही है।
बीजेपी का ‘बड़े भाई’ बनकर उभरना
महाराष्ट्र में इस बार बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों से एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘बड़े भाई’ की भूमिका निभाई है। महायुति गठबंधन की बढ़त से यह साफ हो गया है कि अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में बनेगी। रुझानों के मुताबिक, बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री का पद भी अपने पास रखेगी, और इसकी सबसे अधिक संभावना है कि देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। फडणवीस की लोकप्रियता और बीजेपी के नेतृत्व को देखते हुए उनका नाम सबसे आगे है। इसके अलावा, बीजेपी अपनी सत्ता की मजबूती को बनाए रखते हुए मंत्री पद और विधानसभा अध्यक्ष का पद भी अपने पास रख सकती है। इससे बीजेपी को गठबंधन के भीतर खुद को ‘बड़े भाई’ के रूप में स्थापित करने का अवसर मिल रहा है, क्योंकि शिंदे और पवार जैसे सहयोगी दल ज्यादा ‘बार्गेनिंग’ नहीं कर पा रहे हैं।
महाविकास अघाड़ी की स्थिति बेहद कमजोर
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) का हाल बहुत निराशाजनक है। ताजा रुझानों के अनुसार, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी सिर्फ 20 सीटों पर आगे चल रही है, कांग्रेस 19 सीटों पर और शरद पवार की एनसीपी-एससीपी 14 सीटों पर आगे है। यह स्थिति महाविकास अघाड़ी के लिए बहुत ही निराशाजनक साबित हो रही है। पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा किया था, लेकिन अब स्थिति यह है कि महाविकास अघाड़ी तीनों दल मिलकर 100 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस की स्थिति इतनी कमजोर है कि यह राज्य में सत्ता से बाहर दिखाई दे रही है।
एनडीए का बहुमत की ओर बढ़ना
महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है। महायुति गठबंधन इस समय 217 सीटों पर आगे चल रहा है, जो बहुमत से काफी ज्यादा है। यह बढ़त एनडीए के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, और अब यह लगभग तय है कि राज्य में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में बनेगी। बीजेपी के पास बहुमत का स्पष्ट आंकड़ा है और यह गठबंधन अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर राज्य की सत्ता संभालेगा।
कांग्रेस की कमजोर स्थिति
कांग्रेस के लिए यह चुनाव बहुत ही निराशाजनक साबित हुआ है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन का जिनके नेतृत्व में दावा था, वो अब कांग्रेस के लिए ही मुसीबत बन गया है। जहां एक तरफ कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने सरकार बनाने की उम्मीद जताई थी, वहीं अब उनकी स्थिति पूरी तरह से असहाय दिखाई दे रही है। महाविकास अघाड़ी का यह बेहद कमजोर प्रदर्शन कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। पार्टी अब राज्य की सत्ता में अपनी वापसी की उम्मीद लगभग छोड़ चुकी है।
बीजेपी का दबदबा
इस बार बीजेपी ने यह साबित कर दिया कि वह महाराष्ट्र में अपने सहयोगी दलों के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में है। पार्टी के पास न केवल बहुमत का स्पष्ट आंकड़ा है, बल्कि बीजेपी इस बार अपने सहयोगी दलों के बीच ‘बड़े भाई’ की भूमिका में है। बीजेपी के शीर्ष नेताओं के सामने अब ज्यादा चुनौती नहीं होगी और यह राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने में सफल होगी। इसके साथ ही, बीजेपी की बढ़त यह भी दर्शाती है कि राज्य में अगले पांच वर्षों तक बीजेपी का दबदबा बना रहेगा।