भारतीय जनता पार्टी ने उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया है। इससे पहले कुलदीप सिंह को बीजेपी ने निलंबित किया था, लेकिन रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद विधायक सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
बतादें कि यह मामला तब का है जब, उन्नाव की एक किशोरी ने उन्नाव भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में पीड़िता ने आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी। इसके दो दिन बाद ही विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता की बुरी तरह से पिटाई किया कि वह बुरी तरह से घायल हो गए फिर पुलिस से साठगांठ कर उन्हें ही जेल भिजवा दिया। उसी दौरान पीड़िता के घायल पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई थी। इस मामले में भी पुलिस दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। पर, पीड़िता के पिता की मौत के बाद इस मामले मे ऐसा मोड़ आया कि, राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया। इसके बाद आनन फानन सरकार सख्त हो गई और विधायक के भाई अतुल सिंह व उसके गुंडों को गिरफ्तार कर लिया गया। अतुल ने ही माखी थाने की पुलिस से साठगांठ कर पिता को पीटा भी था और फिर उन्हें ही फर्जी मामले में फंसा कर जेल भिजवा दिया था। इस मामले के बाद मजबूरन सरकार को सीबीआई जांच के लिए मंजूरी देनी पड़ी और तत्काल इसकी जांच सीबीआई को दी गई। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते ही विधायक को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी थी। दरसल तब भी विपक्षी और मीडिया और सारी दुनियां एक जुट हो कर भाजपा से बस एक ही सवाल पूंछ रहे थे और मांग कर रहे थे कि बलात्कार आरोपी को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया उसे पार्टी से तुरन्त निकाला जाए। परन्तु इतने सवालों और दबाव के बावजूद भी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अपने पार्टी से बर्खा़स्त नहीं किया।
विधायक के घर से आए दिन पीड़िता के घर वालों को पूरे परिवार को जान से मार देने की धमकी दी जाती थी।जिसके चलते पीड़िता बार बार सरकार से अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गुहार लगाती थी। सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराने के बाद भी विधायक के गुंडों के डर की बजह से पीड़ित परिवार को माखी गांव छोड़ना पड़ा। मजबूरन पूरा परिवार दिल्ली में रहता था। पीड़ित परिवार को विधायक और उसके आदमियों से जान का खतरा बना हुआ था। पीड़िता के पिता की मौत के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की तो पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत हुई। उन्हें लगा है कि वो बिना डर भय गांव में रह सकते हैं। लेकिन ऐसा नही था ये सिर्फ पीड़ित परिवार का खुद को ढांढस था।
कुलदीप सेंगर के गुंडे कहीं न कहीं मौका मिलते ही परिवार को डराने से बाज नही आ रहे थे। विधायक के दबंगई और प्रभाव का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते है कि पीड़ित परिवार के घर पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है बावजूद इसके धमकियों में कमी नही आई और मजबूर होकर पीड़ित परिवार ज्यादातर दिल्ली में रहता था।
‘विधायक के गुर्गे बयान बदलने के लिए डाल रहे थे दबाव’
पीड़िता परिवार पुलिस से शिकायत करती रह गई कि विधायक भले ही जेल में हैं लेकिन उसके लोग परिवार के पीछे लगे रहते हैं। जो खतरा पहुंचा सकते हैं लेकिन पुलिस इन शिकायतों को बेबुनियाद कहकर नजरअंदाज करती रही।मामले को लेकर पीड़िता ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन को लेटर लिखे थे बल्कि 12 जुलाई को एक लेटर सीजेआई को भी लिखा था जिसमें 7-8 जुलाई को भी धमकी का जिक्र किया गया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखे इस लेटर में पीड़िता के परिवार ने लिखा है कि, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े कुछ लोग उनके घर पर आए और कोर्ट में बयान न बदलने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
ये सब उस समय हो रहा था जब सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी तैनात थे। सुरक्षाकर्मियों के तैनात होने के बाद भी अनजान लोग आकर परिवार को डरा-धमका रहे थे। पीड़ित परिवार का कहना है कि, उन्होंने सिर्फ लेटर लिखकर ही मामले की जानकारी पुलिस को नहीं दी बल्कि आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अलावा आरोपी विधायक के गुर्गों ने जब घर आकर धमकी दी थी तो उसका वीडियो भी बनाया था। जिसे लेटर के साथ भेजा और माखी थाना प्रभारी को दिखाया। फिर भी शिकायत दर्ज नहीं की।
वही हुआ जिसका अंदेशा पीड़ित को परिवार था-
28 जुलाई को पीड़िता अपनी चाची और मौसी के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर वापस उन्नाव माखी गांव जा रही थी। तभी उनकी कार को गुरुबख्शगंज थाना इलाके में रॉन्ग साइड से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोर की थी कि, मौसी और चाची की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पीड़िता और उसका वकील जो गाड़ी ड्राइव कर रहा था गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां अब भी दोनों की हालत क्रिटिकल बनी हुई है। पीड़िता के पूरे परिवार को विधायक मे अपना शिकार बना लिया।
पीड़िता की चचेरी बहन ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर सीधा-सीधा हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, ‘षड्यंत्र नहीं है, सीधा मर्डर है।’उन्होंने कहा कि उन्हें मोदी की बीजेपी सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। हमारे घर से चार लाशें चली गईं, इनसे क्या उम्मीद कर सकती हूं।
एक बार फिर पूरा देश उस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए एक जुट हुआ विपक्षियों ने भी आवाज उठाई उन्नाव में रेप पीड़िता के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इंसाफ मागा। प्रियंका ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मंगलवार को प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम कुलदीप सेंगर जैसे बलात्कारीयों को राजनीतिक शक्ति और संरक्षण क्यों देते हैं, जबकि पीड़ितों को अकेले अपने जीवन की लड़ाई लड़ने के लिए छोड़ देते हैं?’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा, ‘मुकदमे में साफ पीड़िता द्वारा बकाया गया है कि परिवार को बार बार धमकी मिल रही थी। यहां तक कि उन्होंने एक्सीडेंट का अंदेशा भी जताया था। भगवान की खातिर प्रधानमंत्री जी, उस पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए अपराधी और उसके भाई को आपकी पार्टी से मिल रहे राजनीतिक संरक्षण को देना बंद कीजिए।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को भी एक ट्वीट कर इस मामले में विरोध जताया था। उन्होंने बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बलात्कार पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस केस में चल रही सीबीआई जांच कहां तक पहुंची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? इन सवालों के जवाब बिना क्या बीजेपी सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?’
#Unnao बलात्कार पीड़िता के साथ सड़कदुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है।
इस केस में चल रही CBI जाँच कहाँ तक पहुँची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों?
इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 29, 2019
ऐसे ही कई लोगों ने ट्वीट कर बीजेपी से सवाल किए ओर विधीयक को बर्खास्त करने की सांग किए। जिसके जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बयान दिया।
तंत्र देव सिंह ने कहा, उन्नाव रेप केस के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बयान दिया कि सेंगर पहले से ही पार्टी से निलंबित थे। वह अब भी निलंबित रहेंगे। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच चल रही है।
UP BJP Chief Swatantra Dev Singh on Unnao rape case accused Kuldeep Singh Sengar: He was suspended from the party and will stay suspended. CBI inquiry in the case is underway. pic.twitter.com/QxZrCygM7E
— ANI UP (@ANINewsUP) July 30, 2019
खैर उन्नाव रेप केस के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निलंबित हुए थे इस बात का इससे पहले कहीं कोई ज़िक्र इससे पहले नहीं हुआ था। मतलब विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निलंबित नहीं किया गया था।
काफी दबाव बनाने के बाद जब पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है तो आज भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा फेंसला लेते हुए उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया है। रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद विधायक सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
हादसे में घायल पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है।