यूपी: बीजेपी नेता ने अपनी ही सरकार पर बोला हमला, दो मंत्रियों को बताया फेल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं का धैर्य अब जवाब देने लगा है. अब तक दबी जुबां से सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना करने वाले अब खुलकर बोलने लगे हैं. पूर्व प्रदेश प्रवक्ता और कल्याण सिंह सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे आई पी सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर सवाल उठाए हैं. राजधानी लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए आई पी सिंह ने दो कैबिनेट मंत्रियों को पूरी तरह से फेल करार दिया है. आई पी सिंह ने आरोप लगाया कि सभी की मिलीभगत से प्राइवेट अस्पतालों की चांदी हो रही है.

‘गोपाल टंडन, सिद्धार्थ नाथ सब फेल’

आई पी सिंह ने ट्वीट किया है कि ‘मरीज तड़प-तड़प कर मर रहे हैं राजधानी में, चाहे PGI, KGMC, बलरामपुर अस्पताल या लोहिया संस्थान सब जगह वेंटिलेटर का भारी अभाव है. चाहे गोपाल टंडन हो या सिद्धार्थ नाथ सिंह सब फेल हैं. प्राइवेट अस्पतालों की चांदी है. सभी की मिलीभगत है माननीय मुख्यमंत्री जी.’

 

राजसत्ता एक्सप्रेस से बात करते हुए आई पी सिंह ने कहा कि अस्पतालों में आम आदमी को बेड तक नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार मंत्री मुझ जैसे पुराने कार्यकर्ताओं तक की नहीं सुन रहे हैं. आई पी ने बताया कि वो खुद अपने एक रिश्तेदार के इलाज के लिए 6 दिन तक भटकते रहे लेकिन वेंटिलेटर नहीं मिला. विभागीय मंत्रियों की चौखट तक पर दस्तक दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हारकर मरीज को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जहां मोटी फीस वसूली जा रही है. आई पी सिंह ने कहा कि मंत्री तो मंत्री उनके पीआरओ तक फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों में वेंटिलेटर का भारी अभाव है, मरीजों को बेड नहीं मिल रहे और जिम्मेदार मंत्री हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और हम बात आयुष्मान योजना की कर रहे हैं.

 

आई पी सिंह के इस बयान ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है. मोदी सरकार आयुष्मान भारत का ढिंढोरा पीटते नहीं थक रही लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. योगी सरकार के लाख दावों के बावजूद यूपी अस्पतालों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है. जब आई पी सिंह जैसे नेता की भी सुनवाई नहीं हो रही है तो आम लोगों की हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

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साफगोई के लिए जाने जाते हैं आईपी

छात्र राजनीति से बीजेपी में आने वाले आई पी सिंह अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं. एनआरएचएम घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने के खिलाफ भी उन्होंने मोर्चा खोल दिया था. भ्रष्टाचार के आरोपी कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने से वो इतना भड़क गए थे कि उन्होंने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को भी पद से हटाने की मांग कर दी थी. इसके बाद आई पी सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीजेपी से निलंबित तक कर दिया गया था. आई पी सिंह सपा नेता आजम खान के खिलाफ भी फेसबुक पर अमर्यादित पोस्ट करके विवादों में घिर चुके हैं. एक टीवी चैनल की डिबेट में मुसलमानों पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया था.

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