बीजेपी नेता और विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बिष्ट ने कहा कि कुछ पुलिसकर्मी कथित तौर पर 2020 के दिल्ली दंगों जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक मुस्लिम पुलिसकर्मी रिजवान का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि वह हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए खतरा है।
बिष्ट ने कहा, “हां, निश्चित रूप से शिकायत आई है कि कुछ पुलिसकर्मी करावल नगर थाने में इस मकसद से आए थे कि वे 2020 में जो दंगा हुआ था, वैसी स्थिति दोबारा पैदा करें। इसमें रिजवान शामिल हैं और उनके माध्यम से इस प्रकार का काम किया जा रहा है। इससे लोग दोबारा पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।”
दिल्ली पुलिस आयुक्त और अमित शाह से करेंगे शिकायत
मोहन बिष्ट ने कहा कि वे इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा, “हिंदू-मुस्लिम एकता को खतरा पहुंचाने वाला यह व्यक्ति है। हम इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस आयुक्त और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करेंगे।”
2020 के दिल्ली दंगों की पृष्ठभूमि
23 फरवरी 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी और CAA समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच दंगे भड़क गए थे। हिंसा ने सांप्रदायिक रूप ले लिया था। इन दंगों में 53 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हिंसा की आग इतनी भड़क गई थी कि गुस्साई भीड़ ने दुकानें और घर जला दिए थे।
यह भी आरोप है कि कुछ लोगों ने दंगे कराने के लिए साजिश रची थी। 18 फरवरी को, दिल्ली की एक सत्र अदालत ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान कथित घृणा अपराध के लिए एक स्थानीय पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी (SHO) और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।
कौन हैं मोहन सिंह बिष्ट?
मोहन सिंह बिष्ट बीजेपी के दिग्गज नेता हैं और उन्होंने मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद से जीत हासिल की है। बिष्ट ने 85,215 वोट हासिल किए, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के आदिल अहमद खान 67,637 वोट ही जुटा सके। इस सीट पर AAP और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर थी।
इस सीट पर दिल्ली दंगों के आरोपी और ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार मोहम्मद ताहिर हुसैन भी मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें महज 33,474 वोट ही मिले।
दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव: क्या है आगे की राह?
मोहन बिष्ट के आरोपों ने एक बार फिर दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव को लेकर चिंता बढ़ा दी है। 2020 के दंगों के बाद से दिल्ली में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन बिष्ट के आरोपों से यह सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में फिर से ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है।