नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बरेली से भारतीय जनता पार्टी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल आपको याद होंगे। उनकी बेटी साक्षी मिश्रा ने एक दलित युवक से प्रेम विवाह रचाने पर अपनी जान का खतरा बताकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं, साक्षी ने समाज के सामने अपने पिता को एक विलेन के तौर पर पेश कर किया था। बहरहाल, अब वही पप्पू भरतौल फिर बेटी को लेकर चर्चा में हैं और सोशल मीडिया पर जमकर सराहे जा रहे हैं। इस बार वो अपनी बेटी साक्षी की वजह से नहीं बल्कि एक लावारिस दुधमुंही बच्ची को लेकर चर्चा में हैं, जिसे पप्पू भरतौल कानूनन गोद लेने में जुटे हैं।
हुआ दरसला ये था कि पिछले दिनों एक परिवार अपनी बच्ची का शव दफनाने के लिए बरेली की सिटी शमशान भूमि पर गया था। इन लोगों ने कब्र खोदने के लिए जैसे ही फावड़ा चलाया वो एक मटके से टकराया और अंदर से नवजात के रोने की आवाज़ आयी। इन लोगों ने आनन्-फानन में मटके को खोद के निकाला तो अंदर एक नवजात कन्या मिली, जिसे तत्काल ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया। माना गया कि किसी अनब्याही मां ने लोकलाज से या फिर बेटे की चाहत में परेशान किसी दम्पति ने बेटी पैदा होने पर उसे मटके में डाल के दबा दिया होगा। लेकिन ये किसी ईश्वरीय चमत्कार से काम नहीं रहा कि वो तीन-चार दिन ज़मीन में दबी होने के बावजूद ज़िंदा बच गयी।
बहरहाल जब इसकी खबर विधायक पप्पू भरतौल को लगी तो वो अस्पताल पहुँच गए और कोई दावेदार ना दिखने पर बच्ची के लालन-पालन और इलाज का जिम्मा लेने का ऐलान कर दिया। बच्ची का इलाज शहर के बाल चिकित्सक डा. रवि खन्ना के यहाँ हो रहा है।डाक्टरों का कहना है कि बच्ची के शरीर में मौजूद ब्राउन फैट ने उसे जिंदा रखा। लेकिन वो भी इसे एक चमत्कार से कम नही मान रहे हैं। क्योंकि बच्ची मटके के अंदर मिली थी इसलिए उसका नाम सीता रखा गया है।
नवजात को गोद लेने के बाद विधायक राजेश मिश्रा ने कहा कि, सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत वे इस बच्ची का सारा खर्चा उठाएंगे। उन्होने कहा कि, उसके लालन पालन से लेकर उसके शिक्षा की भी जिम्मेदारी वही उठाएंगे। नवजात के साथ विधायक की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर हो रही हैं, लोग मुक्त कंठ से उनकी सराहना कर रहे हैं। उल्लेखीनय है कि उनकी सगी बेटी ने उसे व उसके प्रेमी को जान से मारवाने की कोशिश का आरोप पप्पू भरतौल पर लगाया था। और, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करके देश भर में सनसनी बन गयी थी। लगभग हर टीवी चैनल ने साखी और उसके पति अजितेश को लाइव बैठाकर उसकी कहानी सुनी थी। हालांकि, पप्पू भरतौल पहले दिन से कहते रहे कि उन्हें बेटी के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है, वह अपनी ज़िन्दगी जीने को आजाद है। वहीँ, साक्षी और अजितेश के आरोपों के मुताबिक़ आज तक यह साबित नहीं हो सका है कि पप्पू भरतौल ने इन दोनों को मरवाने की कोशिश की थी।