भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मोदी सरकार 3.0 में शामिल किया गया है. जेपी नड्डा का राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. कहा जा रहा है कि उनके केंद्र में मंत्री बनने के बाद जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नया अध्यक्ष मिल सकता है.
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद उनके नाम पर अब चर्चा नहीं हो सकती है, क्योंकि भाजपा में एक पद पर एक नेता के रखे जाने की व्यवस्था है.
अब भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जो नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में हैं, उनमें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर से लेकर भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण शामिल हैं. वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल इस साल की शुरुआत यानी जनवरी में ही खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव तक उनके कार्यकाल का विस्तार किया गया था.
क्या भाजपा दोहराएगी 2019 के बाद वाली नीति?
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 300 से अधिक सीटों पर कब्जा किया था. उस वक्त पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे. लेकिन मोदी सरकार 2.0 में अमित शाह को शामिल कर लिया गया था. इसके बाद भी कुछ दिनों तक वे पार्टी की कमान संभाल रहे थे, लेकिन पार्टी के सीनियर नेता जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया गया था.
जेपी नड्डा ने अमित शाह के साथ मिलकर कुछ दिनों तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम किया था. हालांकि, कुछ महीने बाद अमित शाह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था, जिसके बाद जेपी नड्डा को पार्टी की कमान सौंप दी गई थी. हो सकता है कि इस बार भी जेपी नड्डा के साथ किसी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए. हालांकि ये फाइनल नहीं है, ये सिर्फ संभावना है.
ओम माथुर, के. लक्ष्मण के अलावा रेस में ये भी शामिल
ओम माथुर और के. लक्ष्मण के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदारों में पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े और सुनील बंसल का भी नाम शामिल है. विनोद तावड़े महाराष्ट्र से आते हैं और वे बिहार के प्रभारी महासचिव भी हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां दी थीं.
भाजपा के संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सुनील बंसल का नाम भी शामिल है. सुनील बंसल यूपी में राज्य महासचिव (संगठन) की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इसके बाद उन्होंने बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना के प्रभारी महासचिव के रूप में भी काम किया है.
क्या अनुराग ठाकुर के नाम पर भी हो सकता है विचार?
49 साल के अनुराग ठाकुर को इस बार कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. खबर है कि संगठन में उन्हें बड़ी और नई जिम्मेदारी मिल सकती है.
अनुराग ठाकुर को वित्त राज्य मंत्री, खेल और सूचना प्रसारण मंत्रालय का नेतृत्व करने का अनुभव है. वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर दोनों हिमाचल से हैं. इस बार मोदी कैबिनेट में हिमाचल का नेतृत्व जेपी नड्डा कर रहे हैं,जबकि अनुराग ठाकुर को बाहर रखा गया है.
इससे पहले, जब 2014 में मोदी सरकार बनी थी, तब भी जेपी नड्डा कैबिनेट में शामिल किए गए थे और अनुराग संगठन में काम कर रहे थे. 2019 में जब अनुराग कैबिनेट में शामिल हुए तो जेपी नड्डा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी. इस लिहाज से देखा जाए तो जेपी नड्डा के केंद्र में जाने के बाद अनुराग के नाम पर भी विचार हो सकता है.