दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने एक हजार बसों की खरीद को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जिसके बाद बीजेपी ने प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.
डीटीसी के प्रबंध निदेशक की ओर से 11 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि एक हजार बसों की खरीद और उनके वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) को अगले आदेश तक ‘ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.’
दिल्ली सरकार ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपराज्यपाल द्वारा जांच बिठाने के चलते खरीद प्रक्रिया रोकी गई है. डीटीसी ने इस साल की शुरुआत में एक हजार लो-फ्लोर बसों की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित की थी. बसों की एएमसी के लिये अलग से निविदा जारी की गई थी.
दिल्ली के बीजेपी विधायक और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इसका मकसद निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना था.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि बसों की खरीद के आदेश को वापस लेने से वो पूरी तरह संदेह के दायरे में आ गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकारी मशीनरी इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश रही है.