विपक्ष से ज्यादा हमलावर ओपी राजभर को सबक सिखाने के मूड में बीजेपी
लखनऊ : सरकार में रहकर सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने और प्रदेश के मुखिया से लेकर बीजेपी पर हमलावर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को बीजेपी सबक सिखाने की तैयारी में है. सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर सरकार बनने के बाद से लगातार बयानबाजी करते आ रहे हैं. जिसके बाद योगी सरकार ने अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है.
अब तक चुप रहने वाले बीजेपी नेता ओम प्रकाश राजभर को जवाब देने लगे हैं. सरकार विरोधी टिप्पणियों पर बीजेपी नेता अब अचानक उन पर हमलावर हो गए हैं. इसकी शुरुआत सीएम और डिप्टी सीएम ने खुद की. योगी ने जहां राजभर की हालिया टिप्पणी को विनाश काले विपरीत बुद्धि करार दिया, वहीं केशव मौर्य ने तो उन्हें हद में रहने की नसीहत दी है. लेकिन राजभर के तेवरों में कोई बदलाव नहीं आया.
‘विनाश काल विपरीत बुद्धि वक्त बताएगा’
वहीं बीजेपी नेताओं के पटलवार पर राजभर ने कहा कि समय बताएगा कि किसका विनाश काल है और किसकी विपरीत बुद्धि है. इससे पहले राजभर की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन कुछ दिन शांत रहने के बाद राजभर ने दोबारा मुंह खोलना शुरु कर दिया. साथ ही पार्टी के स्थापना दिवस पर अपनी ताकत दिखाने के लिए लखनऊ के रमाबाई मैदान में रैली तक की. और इस्तीफा देने का नाटक करके बीजेपी के पीछे पड़े रहे.
बीजेपी ने नहीं पूरी की राजभर की शर्त
ओपी राजभर का आरोप है कि भाजपा से समझौते के पीछे उनकी शर्त थी कि सरकार बनते ही वह पिछड़ों और दलितों के आरक्षण में वर्गीकरण कर उन्हें तीन हिस्सों में बांट देंगे, ताकि अति पिछड़ी और अति दलित जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिल सके. सरकार में उन्हें मंत्री तो बनाया गया लेकिन आरक्षण में वर्गीकरण अभी तक नहीं हुआ. इससे नाराज ओम प्रकाश लगातार सरकार पर टिप्पणी करते आ रहे हैं.
राजभर पर हमलावर बीजेपी नेता
अबतक बीजेपी नेता उन्हें अनसुना करते रहे और उन्हें मनाने की भी कोशिशें करते रहे. लेकिन अब बीजेपी नेताओं ने उन्ही की जुबान पर जवाब देना शुरु कर दिया है. हाल ही में जिलों के नाम बदलने के सरकार के फैसले पर भी राजभर ने टिप्पणी की. कहा कि यदि नाम बदला ही है तो भाजपा अपने तीन मुस्लिम नेताओं के भी नाम बदले. जिसको बीजेपी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
बीजेपी ने दिया राजभर को जवाब
माना जा रहा है कि राजभर की यह टिप्पणी भाजपा नेताओं को कतई बर्दाश्त नहीं हुई. सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने जवाब देना शुरु कर दिया है. जिसके बाद माना जा रहा है कि राजभर के दिन सरकार में पूरे हो गए हैं. बीजेपी कभी भी बड़ा कदम उठा सकती है.
‘इतिहास में झांक ले राजभर’
सिद्धार्थनाथ सिंह ने राजभर को जवाब देते हुए कहा कि राजभर को टिप्पणी से पहले इतिहास में झांक लेना चाहिए था. उन्होंने रामायण नहीं पढ़ी. वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर योगी तक ने उन्हें सीमा में रहने की नसीहत डे डाली.
बयान पर कायम राजभर
राजभर ने कहा कि ‘मैं आज भी अपने बयान पर अडिग हूं. नाम बदलने से गरीबों को शिक्षा नहीं मिलेगी. भाजपा के एक मुस्लिम नेता की शादी संघ के बड़े नेता की भतीजी से आर्य समाज विधि से हुई थी और उनका नाम बदल कर माननेंद्र चौधरी रखा गया था. लेकिन शादी के बाद भी वह मुस्लिम नाम का ही प्रयोग करते हैं. भाजपा को चाहिए पहला उनका नाम बदल कर माननेंद्र चौधरी करे’.