तीन राज्यों में सरकार गंवाने वाली बीजेपी चलेगी राहुल की ‘आम आदमी’ वाली राह

एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में करारी हार के बाद बीजेपी (bjp) ने बड़ा सबक लिया है। चुनाव के दौरान राममंदिर, बजरंगबली, जाति और ध्रुवीकरण में मिली नाकामी से बीजेपी अब कांग्रेस (congress) के आम आदमी वाले फॉर्मूले पर चलने की तैयारी कर रही है।

चुनाव के ठीक बाद बीजेपी शासित राज्यों और केंद्र के कदमोें से साफ लग रहा है। कि लोकसभा चुनाव में सत्ता वापसी, गाय, राम मंदिर, बजरंग बली और जातिगत ध्रुवीकरण काम नहीं आएगा। क्योंकि कांग्रेस के राहुल गांधी ने तीनों राज्यों में सरकार आम आदमी को राहत देने वाले फैसलों के चलते कामयाबी पाई है। जिसके बाद बीजेपी भी जनहित के फैसले लेने शुरु कर दिए है।

जीएसटी कम करने की तैयारी

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार आम आदमी को जीएसटी में बड़ी राहत देने जा रही है। मोदी ने हाल ही में हुई एक बैठक के बाद जीएसटी के 28 प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म करने का प्लान बताया है। सरकार जल्द ही 28 वाले स्लैब को खत्म कर सामान पर सिर्फ 18 प्रतिशत जीएसटी लेगी।

राज्यों में कर्जमाफी की बारी

एमपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनाने के पीछे किसानों का कर्जा माफ करने का ऐलान भी बड़ा फैक्टर रहा है। जिसके बाद बीजेपी शासित राज्यों में कर्जमाफी की कवायद शुरु हो गई है। जिसका पहला नमूना गुजरात और असम में देखने को मिला। गुजरात में रुपानी सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ कर दिया है। वहीं असम में किसानों का 25 हजार तक का कर्ज माफ करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

पेट्रोल के दामों में कटौती की तैयारी

मोदी सरकार में बीते दिनों डीजल, पेट्रोल की कीमत में भारी उछाल आया। सरकार ने जब से मूल्य निर्धारण की जिम्मेदारी दी है। उसके बाद से रोजाना कंपनियों ने पैसे में कीमत बढ़ा कर 80 रुपए से ज्यादा तक पेट्रोल और डीजल के दाम पहुंचा दिए थे। जो देखने में तो पता नहीं चलते थे। लेकिन कुछ दिनों बाद जब विपक्ष ने इसको मुद्दा बनाया और कुल कीमतों का आंकड़ा पेश किया तो सरकार बुरी तरह घिर गई। हालंकि की सरकार की मंशा थी कि कंपनियों को मूल्य निर्धारण की जिम्मेदारी देकर रोजाना कीमतें तय करने की नीति बनाई थी। लेकिन सरकार को महंगाई के मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी।

अब सरकार पेट्रोल में एकमुश्त 10 रुपए कम करने की तैयारी में हैं। जिसके लिए सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने की अनुमति पहली ही दे दी थी। जिससे कंपनियों को करोड़ों का फायदा हो रहा है। वहीं जिसका लाभ अब सरकार लोगों को भी देने की तैयारी में है।  

किसानों का कर्ज बना तारणहार

बीजेपी इस दौरान जाति और एससी-एसटी एक्ट को भुनाने की कोशिश की। एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाली बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। एससी-एसटी वोटरों ने जहां बीजेपी का आशा अनुरुप ईवीएम का बटन नहीं दबाया। वहीं सवर्णों ने नोटा को दबाने में कोई संकोच नहीं किया। जबकि अंदर ही अंदर कांग्रेस ने अपने वोटरों और खास कर किसानों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही. जिसको सरकार बनते ही कांग्रेस ने निभा भी दिया।

मंदिर कार्ड फ्लॉप

संघ और विहिप ने चुनाव के दौरान राम मंदिर जमकर हवा दी। 25 नवंबर को अयोध्या में धर्म सभा और संतो का मजमा लगाया। जबकि उसकी तोड़ में राहुल गांधी ने स्थानीय मंदिरों की परिक्रमा की। जिसका आशीर्वाद उनको तीन राज्यों में सरकार के रूप में मिला।

जीत के साथ राहुल बने हीरो

लोकसभा चुनाव के बाद जहां बीजेपी ने देश के ज्यादातर सीटों में सरकार बनाकर, कांग्रेस को कुछ प्रदेशों में सीमित कर दिया था। वहीं अब कांग्रेस ने तीन राज्यों में सरकार बनाकर ये बता दिया है, कि वो अभी चूके नहीं है। इस जीत के हीरो राहुल गांधी रहे। जिन्होंने सभाओं में डंके की चोट पर कहा था कि सरकार बनते ही 10 दिनों के अंदर कर्ज माफ होगा। जिसको एमपी और छत्तीसगढ़ सरकारों ने पूरा भी किया है।

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