लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार की शाम को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के लिए हुए प्रथम चरण के मतदान में ही जनता ने भाजपा के खिलाफ जबर्दस्त मतदान कर उसकी हवा निकाल दी है। भाजपाइयों के चेहरे उतर गए हैं। हर तरफ समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन का जोर है। यह गठबंधन महामिलावटी नहीं महापरिवर्तन के लिए है। यह विचारों का संगम है।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को सम्भल में डाॅ. शफीकुर्रहमान वर्क, अमरोहा में दानिश अली तथा बरेली में भगवत शरण गंगवार के पक्ष में आयोजित चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि वह नफरत की राजनीति करती है। अंग्रेजों ने बांटो और राज करो की नीति चलाई थी। भाजपा भी यही नीति अपना कर समाज को जाति-धर्म में बांटने का काम कर रही है।
भाजपा की दिल्ली सरकार फेल है इसकी जरूरत नहीं रह गई है। सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन को कामयाबी मिलेगी। यादव ने कहा कि डाॅ. लोहिया और डाॅ. अम्बेडकर मिलकर चलना चाहते थे पर परिस्थितियों ने मौका नहीं दिया। फिर कांशीराम के साथ समाजवादी रिश्ता बना। अब समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन भाजपा को सबक सिखाएगा। भारत में सदियों से विभिन्न धर्मों, जातियों के लोग रहते आए हैं इनमें विभेद पैदा करने की साजिशें भाजपाई करते हैं।
देश तभी मजबूत होगा जब हमारे अन्दर भाईचारा, परस्पर सम्मान और विश्वास की भावना होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अच्छे दिनों का भुलावा दिया। नौजवानों का रोजगार छीना। किसान रात-रात भर जागकर खेत की चौकीदार कर रहा है। सबसे ज्यादा मांस का निर्यात भाजपा राज में हुआ। प्रदेश के बाबा मुख्यमंत्री जी हनुमान जी की जाति बताने लगे। बंदर भगाने को हनुमान चालीसा पढ़ने को कहते हैं। वे घबराए हुए हैं।
भाजपा ने गरीब महिलाओं की समाजवादी पेंशन छीन ली। हम अपनी सरकार में 3 हजार मासिक पेंशन देंगें। भाजपा सरकार में एक नया बिजली घर नहीं बना यहां तक कि एक मेगावाट बिजली भी नहीं उत्पादित की। भाजपा राज में फर्जी एनकाउण्टर हुए हैं। मुख्यमंत्री जी की ठोकों नीति के चलते कहीं पुलिस लोगों को ठोकती है तो कहीं जनता पुलिस को ठोक रही है।