BPSC प्रदर्शन: प्रशांत किशोर को मिली जमानत, अनशन से उठाकर किया गया था गिरफ्तार

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा के पेपर लीक और अनियमितताओं के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के प्रमुख, प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें गांधी मैदान में अवैध धरना देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया, जहां सिविल कोर्ट ने उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

प्रशांत किशोर ने कोर्ट में अपनी जमानत का विरोध किया और कहा कि उन्हें कंडीशनल बेल नहीं चाहिए, लेकिन न्यायालय ने उनकी जमानत कंडीशनल तरीके से मंजूर की। साथ ही, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि भविष्य में ऐसी कोई गतिविधि नहीं होगी, जो आम लोगों के लिए परेशानियां पैदा करे।


चार दिनों से अनशन पर बैठे थे प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर बीते चार दिनों से BPSC परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि बिहार में आयोजित BPSC परीक्षा को रद्द किया जाए। 2 जनवरी को शुरू हुआ उनका अनशन उस समय हुआ था, जब प्रदर्शनकारी छात्र इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे।

पटना पुलिस ने आधी रात को प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया और उन्हें एंबुलेंस में डालकर AIIMS भेजा। हालांकि, उन्हें इलाज कराने से इंकार कर दिया और कहा कि वह अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे। पुलिस ने AIIMS के बाहर समर्थकों के साथ झड़प भी की, लेकिन फिर प्रशांत किशोर को वापस नौबतपुर ले जाया गया।


गांधी मैदान में पुलिस ने किया भारी बल प्रयोग

पटना पुलिस ने गांधी मैदान से उस स्थान को खाली करवा लिया, जहां प्रशांत किशोर अपने समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे। साथ ही, पुलिस ने गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की चेकिंग भी की। प्रशांत किशोर ने 7 जनवरी को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बनाई थी, जिसमें बीपीएससी की अनियमितताओं पर संज्ञान लेने का आग्रह किया जाएगा।


एकता से डरती है सरकार, आरोप

प्रशांत किशोर के समर्थकों ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रशांत किशोर की बढ़ती लोकप्रियता और उनकी एकता से डरती है। समर्थकों का कहना था कि सरकार इस तरह की शारीरिक हिंसा से आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है, जो कि पूरी तरह से निंदनीय है। पुलिस द्वारा समर्थकों से घिरे होने के बावजूद, प्रशांत किशोर ने विरोध जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।


तेजस्वी यादव से की गई अपील

प्रशांत किशोर ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अपील की कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को इस आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने स्थान से उठकर छात्रों का साथ देना चाहिए और इस आंदोलन को अपना समर्थन देना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि वह एक प्रमुख नेता हैं और उन्हें इस आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए था। उनका कहना था कि राजनीति कभी भी हो सकती है, लेकिन छात्र और बिहार की जनता का मुद्दा सबसे अहम है।


आंदोलन को लेकर तेजस्वी यादव का आरोप

तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के खिलाफ एक आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस आंदोलन का राजनीतिकरण कर रही है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में शामिल लोग बीजेपी की ‘बी टीम’ हैं और इसका उद्देश्य बिहार के छात्रों के स्वतंत्र आंदोलन को कुचलना है।

तेजस्वी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि इस आंदोलन को खत्म करने के लिए प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन को मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे निर्माता और निर्देशक अभिनेता को सेट पर बैठाते हैं, वैसे ही प्रशांत किशोर को भी इस विवाद में घसीटा जा रहा है।


छात्रों का समर्थन जारी

13 दिसंबर से बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा (CCE) 2024 को रद्द करने की मांग कर रहे छात्र इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उनकी मांग है कि इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कोई धरना नहीं, बल्कि बिहार के लोगों का जुनून है, जो अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उठ खड़े हुए हैं। उनका कहना था कि सरकार इस संघर्ष को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती।

 

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