ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘अफगानिस्तान की स्थिति पर तत्काल बातचीत’ के लिए आज जी-7 देशों के नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक वर्चुअल होगी. ब्रिटेन इस साल जी-7 देशों की अध्यक्षता कर रहा है. इस समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है.
जॉनसन ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा है कि यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लोगों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने, मानवीय संकट को रोकने और पिछले 20 सालों की मेहनत को सुरक्षित करने के लिए अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान संबंधी नीति पर करीबी समन्वय के बारे में चर्चा करने के लिए जी7 समूह के सदस्य देशों के नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक बयान में कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन 24 अगस्त को जी7 देशों के अन्य नेताओं के साथ डिजिटल तरीके से बैठक कर सकते हैं. ये नेता अफगानिस्तान नीति पर अपना करीबी समन्वय जारी रखने और हमारे नागरिकों, पिछले दो दशक में हमारे साथ डटे रहे बहादुर अफगानों और अन्य कमजोर अफगान नागरिकों को वहां से निकालने पर चर्चा करेंगे.
उन्होंने कहा कि जी7 के नेता अफगान शरणार्थियों को मानवीय सहायता और सहयोग प्रदान करने की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे. यह बैठक बाइडन की जी7 के नेताओं-ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और इतालवी प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के साथ इस सप्ताह फोन पर हुई बातचीत के आगे के क्रम में होगी. बैठक का समय अभी कन्फर्म नहीं हुआ है, शाम में होगी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भी आज अफगानिस्तान मुद्दे पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र आयोजित करेगी. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगठन के समन्वयक के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर ‘गंभीर मानवाधिकार चिंताओं’ को दूर करने के लिए सत्र बुलाया गया है. इस अनुरोध को अब तक 89 देशों ने समर्थन दिया है, इसमें कहा गया है कि अधिकांश देशों के प्रतिनिधिमंडल वीडियो लिंक के जरिए सत्र को संबोधित करेंगे.